जानिए कितने प्रकार के होते हैं रूद्राक्ष और इन्हे धारण करने के क्या-क्या लाभ हैं
रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रसाद माना जाता है। कहा जाता है यह चमत्कारी बीज रुद्राक्ष भगवान शिव के आसुओं से बना है। रुद्र पुराण के अनुसार रुद्राक्ष के कई प्रकार बताए गये हैं। रुद्राक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसलिए न स्वयं शिव बल्कि भोले के भक्त भी उनकी कृपा पाने के लिए उसे हमेशा धारण किये रहते हैं।
शिव की कृपा दिलाने वाले अलग-अलग रुद्राक्ष का अलग-अलग देवी-देवताओं और कामनाओं आदि से संबंध है। विभिन्न मुखियों वाले रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के देवी-देवता, ग्रह-नक्षत्र आदि का वास होता है। आइये जानते है रुद्राक्ष कितने तरह के होते है और इसके क्या लाभ होते है।
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ
भगवान शंकर का स्वरूप माना जाता है।
शोहरत, पैसा, सफलता, धार्मिक काम में लाभदायक।
दो मुखी रुद्राक्ष के लाभ
अर्द्धनारीश्वर का रूप माना गया है।
परेशानी, बीमारी और कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष के लाभ
अग्नि का स्वरूप माना गया है।
पापों से मुक्ति, आत्म विश्वास यश दिलाता है।
चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ
ब्रह्मस्वरूप माना गया है।
मानसिक बीमारियां खत्म करता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष के लाभ
इसे कालाग्नि रुद्राक्ष कहा जाता है।
अकाल मृत्यु से बचाता है। उच्च पद और प्रतिष्ठा दिलाता है।
छह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है।
दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए। आलस और नकारात्मक विचार दूर करता है.सुख-समृद्धि बढ़ाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ
कामदेव का स्वरूप माना जाता है।
यौन समस्याओं, और लीवर की बीमारी ठीक करता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष के लाभ
गणेश और भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है।
दुश्मनी, बाधाएं खत्म होती है, सद्गुण आने लगते हैं।
नौ मुखी रुद्राक्ष के लाभ
मां देवी भगवती और शक्ति का प्रतीक है।
भक्ति और भाग्य मिलता है.
दस मुखी रुद्राक्ष के लाभ
दशों दिशाओं और यम का प्रतीक माना गया है।
ग्रहशांति, भूतशांति, प्रेतआत्माओं से छूटकारा दिलाता है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
साक्षात भगवान रुद्र का स्वरूप माना गया है।
लाभ, सम्मान और मन की शांति दिलाता है।
बारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
सूर्य, अग्नि और तेज का प्रतीक माना गया है।
बीमारियों को शरीर से दूर रखता है.स्वास्थ्य, सुख और वैभव दिलाता है।
तेरह मुखी रूद्राक्ष के लाभ
विजय और सफलता का प्रतीक माना गया है।
सामाजिक प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाता है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
भगवान शंकर का प्रबुद्ध स्वरूप माना गया है।
कुंडलिनी जागृत करने में सहायक.साधक और योगी के लिए अत्यंत लाभदायक

