अगर आप भी पहनते है गले में माला तो हो सकती है ये हानि, जानिए कुछ खास बातें

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बहुत से लोग ऐसे होते है जो गले में सोने,चांदी, रुद्राक्ष, तुलसी या फिर स्फटिक की माला पहनते है। लोग बिना सोचे समझे इन मालाओं को पहन तो लते है, लेकिन इनके पहनने के नुकसान भी हो सकते है। जो शायद आप नहीं जानते हैं। आज हम आपको इन मालाओं को पहनने के क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में कुछ खास बातें बताएंगे।

1. गले या हाथ में बगैर सोचे-समझे पहनने से आपके मस्तिष्क में परिवर्तन तो होता ही है साथ ही आपके रक्तचाप में भी बदलाव आ सकता है।


2. हो सकता है कि इससे धीरे-धीरे आपकी बैचेनी बढ़ रही हो। आपको इसके असर का उसी तरह पता नहीं चलता है जिस तरह की काले या मटमैले रंग के कपड़े पहनने के असर का पता नहीं चलता है। लंबे काल के बाद इसका जब असर प्रारंभ होता है तो उसे संभालना मुश्किल होता है। कई बार इसका क्या नुकसान हुआ यह भी पता नहीं चलता है।

3. लाल किताब के अनुसार कलाई पर, अंगुलियों में या गले में कोई सी भी धातु को बहुत ही सोच समझ कर पहनना चाहिए यह आपके लिए घातक भी सिद्ध हो सकती है। लाल किताब के अनुसार गला हमारा लग्न स्थान होता है और गले में पहनने से हमारा हृदय और फेफड़े प्रभावित होते हैं। हृदय की धड़कने धीमी पड़ने या और तेज चलने लगती है यह निर्भर करता है कि आपने गले में क्या पहना रखा है।

4. जो लोग बहुत क्रोधी, वाचाल और व्यग्र (अधैर्य) हैं उनको सोना धारण नहीं करना चाहिए। जो लोग लोहे का, कोयले का या शनि संबंधित किसी धातु का व्यापार करते हों उनको भी सोना धारण नहीं करना चाहिए। यदि अप शराब और मांसाहार का सेवन करते हैं तो आपको सोना धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप समस्याओं से घिर सकते हैं। कहते हैं कि सोना बृहस्पति की पवित्र धातु है और इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है। इससे भारी नुकसान हो सकता है।

5. अत्यधिक भावुक लोगों और क्रोधी लोगों को चांदी या मोती नहीं पहनना चाहिए। इससे उनकी भावुकता या क्रोध में बढ़ोतरी होने की संभावना है। यदि आपका मन अशांत है या कुंडली में चंद्रमा क्षीण है तो चांदी पहनने की सलाह दी जाती है। लेकिन यदि आपकी प्रकृति शीत वाली है तो चांदी पहनने से नुकसान हो सकता है। शरीर में जल तत्व और कफ की प्रकृति को समझकर ही चांदी या मोती पहने अन्यथा नुकसान होगा।

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