भगवान सूर्य की पूजा से कैसे मिलेगा सुख-समृद्धि और सेहत का वरदान,जानिए

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रविवार के दिन शक्ति, सेहत और आरोग्य का वरदान देने वाली सूर्य की पूजा का बहुत महत्व है। प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को सृष्टि का प्राण कहा गया है। प्रतिदिन साक्षात दर्शन देने वाले भगवान सूर्य के कारण ही पृथ्वी पर जीवन है। सूर्य की साधना को हिन्दू पंरपरा में अत्यंत आवश्यक मानते हुए पुण्यदायी माना गया है, उसी सूर्य की किरणों से मिलने वाले लाभ को विज्ञान ने भी आवश्यक माना है, क्योंकि सूर्य हमें स्वस्थ रखते हुए हमारे सौंदर्य को भी बढ़ता है। आइए जानते है सूर्यदेव की कृपा पाने का सरल और सुलभ उपाय और उससे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं।


प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व ही शैया त्यागकर शौच –स्नान करना चाहिए


सूर्य की साधना करने के लिए सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास करें और शौच आदि से निवृत्त होकर सबसे पहले सूर्यदेव को अर्घ्य देकर तीन बार प्रणाम करें।

सूर्य के साधक को प्रतिदिन उनके शतनाम और स्तोत्र अथवा सहस्त्रनाम का श्रद्धा पूर्वक पाठ करना चाहिए तथा उनके मंत्र का जाप करना चाहिए। सूर्य के साधक को प्रतिदिन आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए. इसका पाठ करने से भगवान सूर्यदेव की कृपा शीघ्र ही प्राप्त होती है।

सूर्य के साधक को सूर्यदेव की विशेष कृपा पाने के लिए रविवार के दिन विधि-विधान से व्रत रखना चाहिए और रविवार के दिन तेल, नमक आदि नहीं खाना चाहिए।
 

सूर्य के साधक को रविवार का व्रत करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन श्रीखंड, चंदन अथवा रक्त चंदन का तिलक लगाएं।

यदि आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ फल दे रहा है तो आप उसकी शुभता को पाने के लिए अपने गले तांबे का सिक्का धारण करें। तांबे के सिक्के को लाल धागे में ही धारण करें। 

ज्योतिष में सूर्य से जुड़ी अशुभता को दूर और शुभता को प्राप्त करने के लिए रविवार के दिन गेहू, तांबा, घी, स्वर्ण और गुड़ के दान का उपाय बताया गया है।

यदि आप चाहते हैं कि आपकी आंखें हमेशा स्वस्थ रहें या फिर आंखों से जुड़ी किसी बीमारी शीघ्र ही दूर हो तो उसके लिए अपनी आंखों का इलाज कराते हुए सूर्य की साधना भी प्रतिदिन करें। नेत्ररोग से बचने और उसकी रक्षा के लिए प्रतिदिन नेत्रोपनिषद का श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए।

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