गणेश चतुर्थी व्रत : वाराणसी में रात 8 बजकर 26 मि‍नट के बाद ही होगा चंद्रोदय 

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वाराणसी। संतान के दीर्घायु के लि‍ये महि‍लाओं द्वारा रखा जाने वाला संकष्‍टी गणेश चतुर्थी व्रत बुधवार को मनाया जा रहा है। पूरे दि‍न नि‍र्जला व्रत रहने वाली महि‍लाएं शाम को चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का पारायण करती हैं। ऐसे में सभी को बेसब्री से चंद्रोदय का इंतजार रहता है। 

समय और दि‍न को मापने वाली नॉर्वे से संचालि‍त दुनि‍या की सबसे प्रसि‍द्ध वेबसाइट टाइम एंड डेट डॉट कॉम के अनुसार बुधवार को वाराणसी में रात 8 बजकर 26 मि‍नट के बाद चंद्रोदय होगा। पूर्व दि‍शा में रात 8 बजकर 26 मि‍नट के बाद चंद्र दर्शन होंगे। हालांकि‍ बादलों की आवाजाही के कारण चंद्रदर्शन में दि‍क्‍कतें भी हो सकती हैं। 

बता दें कि‍ भाद्रपद (भादो) माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार गजानन के प्रिय बुधवार के दिन होने के कारण और भी अधिक फलदायी है। मान्‍यता है कि‍ संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं तथा शुभ-लाभ की प्राप्ति होती है।

पौराणि‍क मान्‍यताओं के अनुसार गणेश जी का जन्म भी चतुर्थी तिथि के दिन हुआ था इसलिए चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को विशेष रूप से प्रिय है। कृष्‍ण और शुक्‍ल दोनों पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश पूजन का विधान है। कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। गणेश पूजन दोपहर या शाम को करना अधिक शुभ माना जाता है। गणेश पूजन उत्तर दिशा में मुंह करके करना चाहिए।

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