गज लक्ष्मी व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

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हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी की पूजा धन- धान्य और समृद्धि के लिए की जाती है। माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। अगर किसी पर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाए तो रंक से राजा बना देती हैं। हर साल भादों मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी का व्रत आंरभ हो जाता है जो 16 दिनों तक चलता है। इस बार पूजा का समापन अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हो रहा है। इस दिन को गजलक्ष्मी व्रत के रूप में मनाया जाता है। 
 

इस दिन माता लक्ष्मी गज यानी हाथी के आसन पर बैठती हैं। इस दिन विधि- विधान से माता लक्ष्मी की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आइए जानते हैं गजलक्ष्मी की पूजा विधि और महत्व के बारे में.

गज लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त

इस बार गज लक्ष्मी का व्रत 29 सितंबर बुधवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास की अष्टमी तिथि 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर 29 सितंबर को शाम 08 बजकर 29 मिनट तक रहेगा, लेकिन उदय तिथि के नियम के अनुसार, गज अष्टमी का व्रत 29 सितंबर को रखा जाएगा। 

गज लक्ष्मी पूजा विधि

गज लक्ष्मी व्रत के दिन माता लक्ष्मी गज यानी हाथी की सवारी करती हैं। इस दिन सोने या मिट्टी के बने हाथी की पूजा की जाती है। गज लक्ष्मी व्रत के दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान करें और व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद विधि- विधान से पूजा अर्चना करें। गज लक्ष्मी की पूजा शाम के शाम में करना ज्यादा शुभ माना जाता है। शाम के समय में आटे और हल्दी से चौका बनाकर एक कलश की स्थापना करें। कलश के पास में माता लक्ष्मी और गज की मूर्ति स्थापित करें और फिर धूप,दीप, फूल, फल मेवे आदि चढ़ाएं। इसके बाद माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आरती और मंत्रों का जाप करें. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए 108 बार मंत्रों का जाप करें। 

मां लक्ष्मी के मंत्र

ऊं  ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
ऊं  नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात
ऊं मां लक्ष्मी मंत्रः
ऊं विद्या लक्ष्म्यै नम:
ऊं आद्य लक्ष्म्यै नम:
ऊं  सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:

गज लक्ष्मी व्रत का महत्व

गज लक्ष्मी व्रत करने के साथ ही 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत का समापन होता है। इस व्रत को करने से घर में आर्थिक तंगी दूर हो जाती है और व्यक्ति के जीवन में सुख- समृद्धि आती है। इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।

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