डब्ल्यूएचओ की अपील : कोविड से जुड़े ब्लैक फंगस की दवा की कीमत घटाई जाए
फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने कंपनी से अपनी कीमतें कम करने के साथ-साथ आपूर्ति को बढ़ावा देने का आग्रह किया है, ताकि दक्षिण एशिया में तेजी से बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।
सहायक महानिदेशक मारियांगेला सिमाओ के हवाले से कहा गया है कि लिपिड-आधारित एम्फोटेरिसिन की आपूर्ति को व्यापक बनाने और सामथ्र्य में सुधार के लिए एक तत्काल रणनीति बनाने और कोविड रोगियों के लिए अपनी मूल्य निर्धारण व्यवस्था में सुधार कर दवाओं की कीमत कम करने की जरूरत है।
पिछले महीने, मेडिसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स (एमएसएफ) और अमेरिका में येल और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने गिलियड को एक खुला पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि एक मरीज के इलाज के लिए दवा की 150 से 300 शीशियों की जरूरत होती है, और एक शीशी की भारत में लाग 69 डॉलर है।
गिलियड ने एफटी को बताया कि भारत में दवा की कीमत और आपूर्ति की शर्तों पर अमेरिकी कंपनी वियाट्रिस से बातचीत चल रही है।
वियाट्रिस के हवाले से कहा गया था, हम भारत में कोविड-19 के रोगियों के लिए महत्वपूर्ण दवाओं तक पहुंच में तेजी लाने के लिए चल रहे प्रयासों के लिए सभी हितधारकों और भारत सरकार के साथ साझेदारी करना जारी रखेंगे।
इस बीच, मई में ताइवान में एक विशेष दवा कंपनी जायडस और टीएलसी ने भारत में एम्फोटीएलसी (एम्फोटेरिसिन बी लिपोसोम फॉर इंजेक्शन 50 एमजी) के व्यावसायीकरण के लिए एक लाइसेंस आपूर्ति और व्यावसायीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एम्फोटीएलसी पहली और एकमात्र जटिल जेनेरिक दवा है, जिसने गिलियड के एंबिसोम के लिए जैव समानता हासिल की है, जो दुनिया में एम्फोटेरिसिन बी के सबसे सुरक्षित रूप में अपनी समानता साबित करती है।
भारत में संक्रमण के बढ़ने के साथ, भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी एम्फोटेरिसिन बी लिपोसोम इंजेक्शन 50 एमजी या एम्फोटीएलसी को अनुमोदित उपयोग और संकेत के अनुसार तत्काल आयात के लिए मंजूरी दे दी है।
--आईएएनएस
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