नई दिल्ली: कोविड के बाद 18 साल के स्वस्थ लड़के का हार्ट फेल
अस्पताल द्वारा रूटीन जाँच और आरटीपीसीआर (कोविड जांच) कराने के बाद युवक की रिपोर्ट नेगेटिव निकली, लेकिन जांच में पाया गया कि हार्ट कमजोर है। वहीं पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है और साइज (आकार) भी बढ़ गया है।
दूसरी तरफ युवक की इकोकार्डियोग्राफी से पता चला कि कम पंपिंग के साथ हार्ट फेल होना शुरू हो गया था, जिससे फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो गया, जिससे युवक की सांस रुक गई थी। वहीं उसमें मायोकार्डिटिस होने का पता चला, जिसका कारण कई बार युवक को वायरल संक्रमण होता है।
युवक ने अस्पताल के डॉक्टरों को इस समस्या से पहले बुखार होने की बीमारी के बारे में भी बताया, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह कोविड संक्रमण के बाद हार्ट संबंधी जटिलता हो सकती है।
अस्पताल ने कोविड के लिए उनके एंटीबॉडीज करवाए जो असामान्य रूप से उच्च थे जो पोस्ट कोविड कार्डियक के संदेह की पुष्टि करते थे। वहीं युवक को हार्ट फेल की दवाओं के साथ-साथ इलाज की आवश्यकता थी। सर गंगा राम अस्पताल से कुछ दिनों के उपचार के बाद युवक को छुट्टी दे दी गई है।
सर गंगा राम अस्पताल में सीनियर कंसलटेंट, डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ अश्विनी मेहता ने बताया कि, कोविड द्वारा हार्ट की मांसपेशियों में सूजन होना दुर्लभ है लेकिन ऐसा होने से मरीज की जान को खतरा हो सकता है।
इसमें हृदय का पंप फेल हो सकता है जिसके लक्षण हैं सांस फूलना, चेहरे एवं पैर का सूजना। अगर समय से इलाज नहीं किया गया तो मरीज को कार्डियक अटैक एवं मौत भी हो सकती है।
अस्पताल के अनुसार, कुछ कोविड संक्रमण के लक्षण जैसे कि धड़कन, थकान और व्यायाम में दिक्कत 35 से 87 फीसदी तक के कोविड के तीव्र चरण के बाद भी बने रह सकते हैं। लेकिन मायोकार्डिटिस और हृदय की विफलता की घटना दुर्लभ है, इस प्रकार की जटिलता जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
--आईएएनएस
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