कावैक्सीन मामले पर छग के मंत्री से बोले हर्षवर्धन - सनसनी न फैलाएं
देव ने गुरुवार को केंद्र के लिए लिखे पत्र को संलग्न करते हुए ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षणों के पूरा न होने और वैक्सीन की शीशियों पर एक्सपायरी डेट न लिखी होने पर चिंता जताई थी। उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया था कि जब तक इन मुद्दों को हल नहीं किया जाता है, तब तक के लिए वह छत्तीसगढ़ में कोवैक्सीन की सप्लाई रोक दें।
इसके जबाव में हर्षवर्धन ने अपने पत्र में देव को विस्तार से जानकारी देते हुए कहा है कि राज्यों को भेजे गए सभी टीके सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं और इनका उपयोग तेजी से किया जाना चाहिए।
यह कांग्रेस शासित राज्य कोवैक्सीन को लेकर तब से ही आपत्ति जता रहा है, जब 3 जनवरी को कोवैक्सीन को देश में इमरजेंसी यूज ऑर्थराइजेशन की मंजूरी (ईयूए) मिली थी। इस वैक्सीन का अभी तीसरे चरण का परीक्षण पूरा होना बाकी है और इसका उपयोग देशव्यापी कोविड टीकाकरण अभियान में क्लीनिकल ट्रायल के तौर पर किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि टीकाकरण के मामले में राज्य बहुत पीछे है। उन्होंने कहा कि जबकि छत्तीसगढ़ में 69.87 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन का पहला डोज मिल चुका है, फिर भी अब तक राज्य के 2,09,512 फ्रंटलाइन वर्कर्स में से केवल 9.55 प्रतिशत को ही पहला वैक्सीन डोज दिया गया है। छत्तीसगढ़ में टीकों की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई की गई है। लिहाजा टीएस सिंह देवजी बिना मुद्दों के सनसनी फैलाने की बजाय अपने राज्य में टीकाकरण अभियान की गति बढ़ाने पर ध्यान दें।
मंत्री ने शीशियों पर एक्सपायरी डेट न होने के दावे को भी खारिज कर दिया। उन्होंने लेबल लगी हुई शीशी का फोटो संलग्न करते हुए लिखा, कोवैक्सीन की शीशी पर एक्सपायरी डेट न होने की चिंता भी निराधार है।
--आईएएनएस
एसडीजे-एसकेपी
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