भारत में मॉडर्ना वैक्सीन आयात करने के लिए सिप्ला को मिली मंजूरी
देश में कोरोनावायरस को हराने की जंग के खिलाफ टीकाकरण को तेज करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में अब जल्द ही देश में मॉडर्ना की वैक्सीन का भी आयात होने जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने सिप्ला को मॉडर्ना की वैक्सीन आयात करने की मंजूरी दे दी है।
सूत्रों ने कहा कि कंपनी को भारत के औषधि महानियंत्रक से देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिल गई है।
अनुमति के साथ, अमेरिका-आधारित कंपनी द्वारा वैक्सीन का आयात किया जा सकता है और देश के टीकाकरण कार्यक्रम में जल्द ही इसका उपयोग शुरू किया जा सकता है। बड़े पैमाने पर रोलआउट से पहले कंपनी को केवल पहले 100 लाभार्थियों का सुरक्षा मूल्यांकन डेटा प्रदान करना होगा।
हालांकि इस संबंध में पुष्टि करने के लिए कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर खबर लिखे जाने तक कंपनी की ओर से अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
देश में आपातकालीन उपयोग के लिए कोविड टीकों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में किए गए परिवर्तनों के अनुसार, सरकार ने अब विदेशी टीकों के लिए ब्रिजिंग परीक्षणों को माफ करने का निर्णय लिया है, यदि इसे अमेरिका जैसे देशों में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी जाती है और यदि पहले के सुरक्षा मूल्यांकन डेटा बड़े पैमाने पर रोलआउट से पहले 100 लाभार्थियों को प्रस्तुत किया जाता है।
मॉडर्ना के टीके की शुरूआत से देश के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अभी देश में टीकाकरण के लिए केवल तीन टीके - भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड और रूसी स्पुतनिक वी उपलब्ध हैं।
मॉडर्ना की वैक्सीन को कोविड के खिलाफ 90 फीसदी कारगर बताया जा रहा है। फाइजर की तरह, मॉडर्ना एक एमआरएनए आधारित टीका है जिसमें अनुवांशिक सामग्री के टुकड़े होते हैं जिन्हें मैसेंजर आरएनए कहा जाता है।
--आईएएनएस
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