विश्व एड्स दिवस : 11 महीने में जिले में मिले एड्स के 89 मरीज, हर साल बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

विश्व एड्स दिवस : 11 महीने में जिले में मिले एड्स के 89 मरीज, हर साल बढ़ रही संक्रमितों की संख्या
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चंदौली। जनपद में एचआईवी पाजिटिव मरीजों की तादाद साल दर साल बढ़ती जा रही है। पिछले 11 माह में 89 मरीज मिले। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा अधिक है। जागरुकता के बावजूद मरीजों की संख्या में कमी न आना चिकित्सकों के लिए चिंता का कारण बनी है। बहरहाल, जिला अस्पताल स्थित जांच व परामर्श केंद्र में मरीजों के रक्त की जांच, काउंसिलिंग व दवा का वितरण किया जा रहा है। इससे उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिल रही।

एड्स की जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए तमाम कार्यक्रम चलाकर जागरूक किया जा रहा। लोगों को असुरक्षित यौन संबंध से दूर रहने के साथ ही अन्य तरह के एहतियात बरतने के लिए प्रेरित किया जाता है। हालांकि कवायद कारगर नहीं साबित हो पा रही। इससे साल दर साल मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

जिले में जनवरी से नवंबर तक 6237 नमूनों की जांच हुई। इसमें 89 एचआइवी पाजिटिव मिले। जबकि 2020 में सात हजार संदिग्ध मरीजों के खून के सैंपल की जांच में 60 की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। जिला अस्पताल के एआरटी लिंक सेंटर में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। यहां से दवा भी दी जाती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा अधिक

इस बार 20 महिलाओं की एचआईवी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। महिलाओं में संक्रमण खतरनाक माना जाता है। खासतौर से गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पाजिटिव हो जाएं तो पेट में पल रहे बच्चे पर भी इसका असर पड़ने की आशंका होती है। ऐसी महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराना मुश्किल होता है।

जिले में एक एआरटी व छह आइसीटीसी सेंटर

जनपद में एक एआरटी व छह आइसीटीसी सेंटर हैं। इन केंद्रों में मरीजों की जांच की जाती है। जिला अस्पताल के लिंक एआरटी सेंटर में उचित चिकित्सकीय परामर्श के साथ ही दवा भी दी जाती है। हालांकि, किसी स्वयंसेवी संस्था के जनपद में काम न करने की वजह से परेशानी होती है। मरीजों को वाराणसी भेजने के लिए किसी कर्मचारी को साथ जाना पड़ता है।

एड्स संक्रमण के कारक

क्षेत्रीय अधिकारी विनीत कुमार सिंह बताते हैं कि एड्स के कई कारक हैं। असुरक्षित यौन संबंध के साथ ही एक  सिरिंज अथवा इंजेक्शन का कई मरीजों पर इस्तेमाल किए जाने से संक्रमण का खतरा रहता है। संक्रमित महिला के शिशु को स्तनपान कराने से भी यह हो सकता है। यदि सावधानी बरती जाए, तो इसे फैलने से रोका जा सकता है।

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