डेढ़ दर्जन स्कूल प्रबंधक व वाहन मालिकों पर केस, चुनाव में नहीं कर रहे सहयोग
चंदौली। विधानसभा चुनाव में सहयोग न करने वाले स्कूल प्रबंधक व वाहन स्वामी परिवहन विभाग के निशाने पर हैं। विभाग की ओर से वाहन स्वामियों को अब तक 940 बार नोटिस भेजी जा चुकी है। जिले में ऐसे 17 वाहन स्वामियों व स्कूल प्रबंधकों को चिह्नित किया गया है, जिनका रवैया पूरी तरह से असहयोगात्मक है। उनके खिलाफ अगले एक-दो दिनों में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी है।
विधानसभा चुनाव में 750 वाहनों की जरूरत पड़ेगी। पोलिंग पार्टियों को बूथों तक पहुंचाने के साथ ही मजिस्ट्रेट व प्रेक्षकों के चलने के लिए वाहन चाहिए। परिवहन विभाग ने जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट के लिए वाहनों की व्यवस्था करा दी है। पोलिंग पार्टियों के लिए मिनी बस की कमी पड़ रही है। स्कूली बसों व व्यावसायिक वाहनों के अधिग्रहण की योजना है, लेकिन विद्यालय प्रबंधन सहयोग नहीं कर रहा है। वाहन स्वामियों की भी कमोवेश यही स्थिति है। विभाग की ओर से कई बार नोटिस भेजी जा चुकी है, लेकिन इससे वाहन स्वामियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा। परिवहन विभाग की ओर से अब तक 940 बार नोटिस जारी की जा चुकी है। विभाग ने अब स्कूल प्रबंधन व वाहन स्वामियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की योजना बनाई है। जिले में ऐसे 17 वाहन स्वामी व स्कूल प्रबंधक चिह्नित किए जा चुके हैं। उन्हें आखिरी नोटिस भेजी जा चुकी है। अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
मिनी बस व छोटे वाहनों का ही होगा इस्तेमाल
निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में इस बार छोटे वाहन व मिनी बसों से पोलिंग पार्टियों को बूथों तक भेजने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेट व फ्लाइंड स्क्वायड के वाहनों में जीपीसीएस लगाना अनिवार्य है। ताकि उनकी लोकेशन का आसानी से पता की जा सकेगी। पूर्व के चुनावों में ट्रकों से पोलिंग पार्टियों को बूथों तक भेज दिया जाता था। इससे काफी दिक्कत होती थी। आयोग ने इस बार मिनी बसों की व्यवस्था करना अनिवार्य कर दिया है।
चुनाव में सहयोग न करने वालों पर सख्त कार्रवाई
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विनय कुमार ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए वाहनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। सभी वाहन स्वामियों से सहयोग की अपील है। चुनाव में वाहन न उपलब्ध कराने वाले वाहन स्वामियों व स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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