पर्यटकों को चंदौली में दिसंबर तक मिलेगा पर्यटन का नया डेस्टिनेशन
- योगी सरकार पूर्वांचल के हिल स्टेशन चंदौली में ईको टूरिस्ट स्पॉट डेवलप कर रही
- औरवाटाड़ में प्राकृतिक वाटर फाल, दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र और अन्य प्राकृतिक सौंदर्य है मौजूद
- औरवाटाड़ का प्राकृतिक सौंदर्य 2 करोड़ की लागत से निखारा जा रहा
- प्रकृति प्रेमी यहाँ स्थानीय व्यंजन, लोक संगीत व नृत्य का ले सकेंगे आनंद, स्थानीय उत्पाद की होगी बिक्री
- पूरी परियोजना में स्थानीय अर्थव्यवस्था को विशेष तौर पर बढ़ाने का रखा गया है ध्यान
वाराणसी, 3 अगस्त। पर्यटकों को चंदौली में ज़ल्द मिलेगा पर्यटन का नया डेस्टिनेशन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूर्वांचल के हिल स्टेशन चंदौली में टूरिस्ट स्पॉट डेवलप कर रही है। वाराणसी की सीमा से सटे जिला चंदौली में औरवाटाड़ प्राकृतिक वाटर फाल, दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र और अन्य प्राकृतिक सौंदर्य से भरी पड़ी है। जो ईको पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण है। औरवाटाड़ का प्राकृतिक सौंदर्य 2 करोड़ की लागत से निखारा जा रहा है। यहां ईको टूरिज्म स्पॉट दिसंबर तक बनकर तैयार होना प्रस्तावित है।
धान का कटोरा कहा जाने वाला चंदौली अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। चंदौली अनेक प्राकृतिक सौंदर्य, फाउंटेन, ऐतिहासिक रॉक पेंटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने से परिपूर्ण है। पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि चंदौली में प्राकृतिक सौंदर्य के कई ख़ूबसूरत स्थल हैं। जो पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि औरवाटाड़ को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा, जो दिसंबर तक पर्यटकों के लिए तैयार हो जाएगा।
डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन ने बताया कि औरवाटाड़ तीन तरफ से प्राकृतिक वादियों से घिरा, प्राकृतिक रूप से व ऊंचाई से गिरने वाले वाटर फाल के अलावा यहां आस पास दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र भी हैं। इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पाद और तकनीक से पर्यटन स्थल के रूप मंा विकसित किया जा रहा है। स्थानीय मटेरियल और तकनीक का प्रयोग करके प्रशासनिक भवन, स्थानीय पत्थरों से भव्य औरवाटाड़ प्रवेश द्वार का निर्माण, उत्पादों की बिक्री के लिए बांस से बनी दुकानें, प्राकृतिक लकड़ी से वुड रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज, सैंड स्टोन से बने बेंचेज और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लैंडस्केपिंग की जाएगी।
पूरी परियोजना में स्थानीय अर्थव्यवस्था को विशेष तौर पर बढ़ाने का ध्यान रखा गया है। प्रकृति प्रेमी यहाँ स्थानीय व्यंजन, लोक संगीत व नृत्य का आनंद ले सकेंगे और स्थानीय उत्पाद की खरीदारी कर सकेंगे। पर्यटक गिरते हुए झरनों के लय पर चिड़ियों की गुनगुनाने की आवाज, वादियों में खिले फूलों के सुगंध व नज़ारे सहित जंगल के ईको सिस्टम को समझ सकेंगे। पर्यटकों के लिए एडवेंचर गेम, रॉक क्लाइम्बिंग, ज़िप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वाल, टायर वाल क्लाइम्बिंग, मचान से खड़े होकर 360 डिग्री प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ ही नेचर फोटोग्राफी की जा सकती है।
वाराणसी समेत पूर्वांचल के लोगों के लिए चंदौली हिल स्टेशन जैसी प्राकृतिक सौंदर्य वाले पर्यटन स्थल के रूप में शुमार होने वाला है। जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। योगी सरकार ईको टूरिज्म के विकास के लिए सभी संभावनाओं पर तेजी से काम कर रही है। सरकार प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों को खोज कर विकसित करने में जुटी है।
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