ग्राम पंचायत में आबादी कम होने पर भी अनुसूचित उम्मदिवारों को चुनाव लड़ने का मिलेगा मौका
चंदौली। आरक्षण नीति में बदलाव से अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। ग्राम पंचायत में भले ही उनकी आबादी कम हो पर ग्राम प्रधान के पद इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो सकते हैं। ऐसे में चुनाव लड़ना उनके लिए आसान हो जाएगा। शासन ने इस दफा चक्रानुक्रम प्रणाली लागू की है।
जिले में कई ग्राम पंचायतों में 1995 से अब तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण नहीं हुआ। इसके पीछे संबंधित वर्ग की कम आबादी कारण रही। कहीं पांच फीसद तो कहीं सात फीसद ही अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। वहीं सामान्य व पिछड़ा वर्ग के लोगों की आबादी अधिक रही। इसके चलते ग्राम प्रधान का पद कभी सामान्य तो कभी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रहा। ऐसे में ग्राम प्रधान बनने का मंशूबा पाले उम्मीदवारों की मंशा परवान नहीं चढ़ सकी।
शासन ने इस बार आरक्षण नीति में बदलाव करते हुए चक्रानुक्रम प्रणाली लागू की है। इसके तहत जिस वर्ग के लिए अब तक पद आरक्षित नहीं हुए, उन्हें इस बार मौका मिल सकता है। ऐसे में ग्राम पंचायत में आबादी कम होने के बावजूद अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। शासन ने ग्राम प्रधान के 166 पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया है। इसमें 57 महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। 109 पदों पर पुरूषों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों में 1995 से अब तक के आरक्षण व आबादी की रिपोर्ट तैयार कर ली है। आरक्षण का प्रस्ताव जल्द ही बनने की उम्मीद है। इसके बाद जिलाधिकारी की अनुमति से आरक्षण सूची प्रकाशित की जाएगी। दावा और आपत्तियों के निस्तारण के बाद सूची फाइनल होगी। तीन मार्च तक अंतिम सूची प्रकाशित होने की उम्मीद है।
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