जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए चंदौली के लाल, जेसीओ के पद पर थे तैनात 

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए चंदौली के लाल, जेसीओ के पद पर थे तैनात 
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चंदौली। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलुआ थाना क्षेत्र के हसनपुर गांव निवासी सेना के जेसीओ (जूनियर कमीशंड आफिसर) हरिद्वार यादव शहीद हो गए। यूनिट कमांड से स्वजनों को फोनकर शहादत की जानकारी दी गई। परिवार में यह दुखद खबर मिलत ही कोहराम मच गया। शहीद का शव शुक्रवार को गांव पहुंचने की उम्मीद है। 

कल्पनाथ यादव के तीन पुत्रों में हरिद्वार यादव सबसे बड़े थे। वे 1995 में सेना में भर्ती हुए थे। राष्ट्रीय राइफल बटालियन में जेसीओ के पद पर तैनात थे। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। गुरुवार को राजौरी के थाना मंडी इलाके में आतंकियों से उनकी बटालियन की मुठभेड़ हुईं। इसमें सैनिकों ने एक आतंकी को मार गिराया। वहीं जेसीओ को आतंकियों की गोली लग गई। साथी उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। 

नवंबर 2021 में होने वाले थें सेवानिवृत्त-
यूनिट कमांड के सीओ ने दोपहर करीब दो बजे फोनकर शहीद के छोटे भाई को घटना के बारे में जानकारी दी। इससे इलाके में कोहराम मच गया। हरिद्वार नवंबर 2021 में सेना से सेवानिवृत्त होने वाले थे। अप्रैल में छुट्टी पर घर आए थे। छुट्टी बीताने के बाद मई में ड्यूटी पर गए थें। शहीद के घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। 

शहीद हरिद्वार ने एक दिन पहले फोनकर छोटे भाई प्रमोद यादव व पत्नी लीलावती से बात की थी। परिवार के लोगों का हाल जाना। सेवानिवृत्ति के बाद घर वापस आने का वादा भी दोहराया। उनकी 20 वर्षीय पुत्र गौरव, 14 वर्षीय कृष्णा यादव व 17 वर्षीय पुत्री तमन्ना है।

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