खतरे के निशान के करीब बह रही गंगा, तटवर्ती इलाकों में भय की स्थिति
चंदौली। गंगा खतरा बिंदु को छूने को आतुर हैं। शनिवार को जलस्तर 70.30 मीटर रिकार्ड किया गया। यह खतरे के बिंदु से मात्र एक मीटर नीचे है। पानी गांवों में घुसने लगा है। ऐसे में ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। यदि इसी रफ्तार से जलस्तर बढ़ता रहा तो गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएंगी। इसके बाद का मंजर भयावह होगा। गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए गंगा के समीप दुकान लगाने वाले दुकानदार व ग्रामीण ऊचाई वाले स्थानों पर सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।
पर्वतीय इलाकों में लगातार बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिले में खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है। शनिवार को जलस्तर 70.30 मीटर तक पहुंच गया। ऐसे में तटवर्ती इलाके के 120 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गांवों में पानी घुसने लगा है। जलस्तर और बढ़ा तो घरों में भी पानी पहुंच जाएगा। मुगलसराय और सकलडीहा तहसील के गंगा किनारे के गांवों के ग्रामीण बाढ़ का दंश झेलते हैं।
पानी में फसल जलमग्न हो जाती है। वहीं घरों में भी पानी घुसने लगता है तो ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी होती है। जलस्तर घटता है तो अपने पीछे तमाम तरह की दुश्वारियां छोड़ जाता है। कटान में उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो जाती है। वहीं हर ओर कीचड़ और फिसलन का साम्राज्य कायम हो जाता है। इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है।
एक बार फिर गंगा ऊफान पर हैं। ऐसे में ग्रामीण बाढ़ के खतरे को लेकर सशंकित हो उठे हैं। वैसे प्रशासन बाढ़ से निबटने की मुकम्मल तैयारी का दावा कर रहा। एडीएम वित्त व राजस्व अतुल कुमार ने कहा कि संबंधित एसडीएम को नजर रखने को कहा गया है। गंगा किनारे स्थित 19 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। 23 गोताखोरों के साथ ही 34वीं व 36वीं वाहिनी पीएसी की टीम भी मोटर बोट आदि संसाधनों के साथ मुस्तैद है।
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