शिकायतें डिफाल्टर होने पर डीएम ने एक्सईएन समेत नौ अफसरों को रोका वेतन
चंदौली। आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली आनलाइन शिकायतों के निस्तारण में अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। विभिन्न विभागों से जुड़ी 34 शिकायतें डिफाल्टर होने पर डीएम संजीव सिंह ने नौ अफसरों का मार्च माह का वेतन रोक दिया है।
दफ्तरों में सुनवाई नहीं होती है तो लोग आनलाइन शिकायत करते हैं। आनलाइन शिकायतें शासन तक पहुंचती हैं। इसके बावजूद अधिकारी शिकायतों के निस्तारण में गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। जिले में खनन विभाग की दो, प्रबंधक दुग्ध विकास विभाग के तीन, दूरसंचार विभाग की एक, सहायक निदेशक रेशम की तीन, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड 10, बीडीओ धानापुर तीन, बाल विकास परियोजना अधकारी धानापुर तीन, बीडीओ चकिया पांच और जिला कार्यक्रम अधिकारी की चार शिकायतें निर्धारित अवधि तक निस्तारित न होने से डिफाल्टर की श्रेणी में शामिल हो गई हैं।
इस पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों का मार्च माह का वेतन रोक दिया है। आनलाइन शिकायतों के निस्तारण में जिला फिसड्डी साबित हो रहा। जनवरी माह में प्रदेश में 72वां स्थान था। फरवरी में रैंकिंग में थोड़ा सुधार हुआ तो प्रदेश में 56वें पायदान पर पहुंच गया। मार्च में दोबारा एेसी ही स्थिति दिख रही है। इससे दोबारा रैंकिंग खराब होने की आशंका है।
इस पर जिलाधिकारी ने सख्त रूख अख्तियार किया है। विभागाध्यक्षों को जल्द शिकायतों का निस्तारण करने का निर्देश दिया है। इसके बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। दरअसल, पंचायत चुनाव के दौरान आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायतें बढ़ेंगी। मतदाता सूची, बूथों पर कमियां, आचार संहिता के उल्लंघन समेत अन्य शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। यदि निस्तारण की यही स्थिति रही तो आयोग की कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है। ऐसे में उच्चाधिकारी अलर्ट हो गए हैं।
एडीएम न्यायिक अनिल त्रिपाठी ने बताया कि जिले में विभिन्न विभागों से जुड़ी शिकायतें डिफाल्टर हैं। इससे जिलाधिकारी को अवगत कराया गया था। उन्होंने लापरवाही पर नौ अधिकारियों का वेतन रोकने की कार्रवाई की है।
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