चंदौली : फसल अवशेष को खेतों में सड़ाएं किसान, मिलेगा भरपूर उत्पादन
चंदौली। मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से बुधवार को दो दिवसीय कृषि गोष्ठी का आयोजन किया गया। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन व उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी गई। अंत में प्रगतिशील किसानों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशक प्रोफेसर एपी राव ने कहा, फसल अवशेष प्रबंधन के तमाम फायदे हैं। किसान पराली को यदि खेत में सड़ाएंगे तो खाद बनेगी। वहीं पर्यावरण प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। फसल अवशेष को नष्ट कर खाद बनाने के लिए तमाम तरह के यंत्र आ गए हैं। इनकी खरीद पर किसानों को सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिल रही है। ऐसे में किसान खेती के तरीके में बदलाव करें।
सीडीओ अजितेंद्र नारायण ने किसानों को उन्नत खेती करने की सलाह दी। केविके प्रभारी डाक्टर एसपी सिंह ने कहा, फसल अवशेष को जलाने पर रोक है। इसके चलते किसानों पर मुकदमे होते हैं। वहीं जुर्माना भी लगाया जाता है। इससे बचने के लिए सब्सिडी पर यंत्र खरीदकर फसल अवशेष का प्रबंध करें। इससे जैविक खाद तैयार कर खेतों की उर्वरता को बढ़ाएं। डाक्टर समीर पांडेय ने किसानों को खेती में विविधीकरण की जानकारी दी। बोले, धान, गेहूं के साथ ही किसान फल और सब्जी की खेती करें। इससे आय बढ़ेगी।
वहीं कृषि लागत भी कम आएगी। बोले, संस्थान की ओर से मशरूम की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। अंत में दलहनी व तिलहनी फसल, स्ट्राबेरी व फूल की खेती करने वाले 20 प्रगतिशील महिला व पुरूष किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। गोष्ठी में कृषि, पशुपालन, खादी ग्रामोद्योग समेत विभिन्न विभागों की ओर से स्टाल लगाया गया था। यहां उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों ने किसानों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही इसको लेकर पंजीकरण का तरीका भी बताया। कृषि उपनिदेशक राजीव कुमार भारती, किसान रतन सिंह, रमेश राय समेत अन्य मौजूद थे।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।