चंदौली : डीएम ने अनाथ बच्चों को दिया स्वीकृति पत्र, हर माह मिलेंगे चार हजार, मुफ्त शिक्षा व लैपटाप 

CHANDAULI NEWS
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चंदौली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोक भवन में गुरुवार को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ किया। कोरोना काल में संक्रमण की वजह से माता-पिता को खोकर अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए सरकार ने योजना शुरू की है। 

मुख्यालय स्थित एनआइसी सभागार में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने एकल अभिभावक वाले बच्चों को स्वीकृति पत्र दिया। शासन ने तीन माह की सहायता राशि एक साथ अभिभावकों के खाते में भेज दी गई है। 

डीएम ने बताया कि सरकार ने अनाथ बच्चों की मदद की पहल किया है। जिले में 56 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता में किसी एक की कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मौत हो गई। सभी की ओर से आवेदन प्रेषित किए गए थे। 30 आवेदनों का सत्यापन हो चुका है। 15 अभिभावकों के साथ एनआइसी पहुंचे बच्चों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया। 

उन्होंने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा कि कोरोना काल में कई बच्चे अपने माता-पिता को गंवाकर अनाथ हो गए। जिला प्रोबेशन, पुलिस विभाग व चाइल्ड लाइन ऐसे बच्चों को चिह्नित कर रहा है। इसलिए भविष्य में बच्चों की तादाद बढ़ भी सकती है। बताया कि बच्चों की परवरिश के लिए सरकार चार हजार रुपये प्रति माह अभिभावकों को देगी। 

कक्षा नौ अथवा 18 साल की आयु वाले बच्चों को लैपटाप अथवा टैबलेट दिया जाएगा। ऐसे बच्चों को अटल आवासीय अथवा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। सीडीओ अजितेंद्र नारायण, प्रोबेशन अधिकारी इंद्रावती यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी किशन वर्मा मौजूद रहे।

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