चंदौली : जिला जज ने खारिज की विधायक की जमानत याचिका, सीओ के साथ नोकझोक व धक्कामुक्की के आरोप में मुकदमा
चंदौली। जनपद न्यायाधीश ने गुरुवार को सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एमपी-एमएलए कोर्ट इलाहाबाद से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने जिला जज के न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे मायूसी हाथ लगी है। मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोकने पर सीओ से उनकी नोकझोक व धक्कामुक्की हुई थी। इस पर पुलिस ने विधायक समेत 152 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच दिसंबर को चहनियां के रामगढ़ में बाबा कीनाराम जन्मस्थली के सुंदरीकरण के शिलान्यास के लिए आए थे। इस दौरान सपा विधायक कार्यकर्ताओं के साथ सीएम को पत्रक सौंपने कार्यक्रम स्थल जाने लगे। कार्यक्रम स्थल से दूर लक्ष्मणगढ़ में पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इससे टकराव की नौबत आ गई। विधायक ने सीओ का सिर पकड़कर अपने सिर से लड़ा दिया।
वहीं धक्कामुक्की के साथ ही पुलिस का डंडा छीन लिया था। पुलिस ने लाठीचार्ज कर कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया था। पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस विधायक को भी ढूंढती रही, लेकिन उनका कहीं अता-पता नहीं था। विधायक ने पुलिस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने जिला जज की अदालत में जमानत याचिका दायर की। कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया।
विधानसभा में छाया रहा मुद्दा
विधानसभा का सत्र गुरुवार से शुरू हुआ। इस दौरान चंदौली में सीएम के आगमन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प का मुद्दा छाया रहा। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी व विधायक ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप कर मुकदमे वापस लेने और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आरोप लगाया कि पुुलिस ने विधायक के साथ बदसलूकी कर सदन का अपमान किया।
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