चंदौली : ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजेगा जिला प्रशासन, स्थलों का होगा सुंदरीकरण
चंदौली। जिला प्रशासन ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजेगा। उनके संरक्षण के साथ ही सुंदरीकरण की व्यवस्था की जाएगी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व चकिया एसडीएम प्रेमप्रकाश मीणा ने मंगलवार को चकिया स्थित काली माता प्राचीन मंदिर का जायजा लिया। उन्होंने ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण व सुंदरीकरण पर जोर दिया। इसको लेकर नगर पंचायत प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों व मातहतों को निर्देशित किया।
चकिया एसडीएम ने बताया कि ऐतिहासिक व प्राचीन धरोहरों को संरक्षण की जरूरत है। तहसील क्षेत्र में ऐसे स्थलों को चिह्नित कर उनके सुंदरीकरण और उचित प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ये धरोहर अपने अंदर इतिहास के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए हैं। ऐसे में इनका संरक्षण और सुंदरीकरण बेहद जरूरी है। कहा कि काली माता मंदिर परिसर की साफ-सफाई रविवार को सुबह सात बजे से नगर पंचायत व सम्मानित नागरिकों के सहयोग से किया जाएगा।
यहां मुख्य कुंड में जमा कचरा व गंदगी को पूरी तरह साफ करने के साथ ही अन्य आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मंदिर परिसर में कचरा के लिए जगह-जगह कूड़ेदान लगाए जाएंगे। परिसर में प्रकाश की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह लतीफशाह समेत अन्य धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों पर सफाई, प्रकाश आदि के मुकम्मल इंतजाम किए जाएंगे। इसमें संभ्रांतजनों का सहयोग भी अपेक्षित है।
चकिया स्थित माता काली मंदिर सैकड़ों साल प्राचीन है। काशी नरेश ने मंदिर का निर्माण कराया था। वहीं जनपदवासियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्र में मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए रोजाना सैकड़ों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं। निरीक्षण के दौरान ईओ मेहीलाल गौतम समेत सभासद व विभागीय कर्मी मौजूद रहे।
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