चंदौली : जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा-सपा में टक्कर, मैदान में नहीं आईं तीसरी उम्मीदवार
चंदौली। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया शनिवार को कलेक्ट्रेट में संपन्न हुई। भाजपा व सपा समर्थित प्रत्याशियों ने आरओ (रिटर्निंग अफसर) के समक्ष नामांकन दाखिल कर अपनी दावेदारी पेश की। जांच में दोनों के नामांकन पत्र वैध पाए गए। नामांकन को लेकर कलेक्ट्रेट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सीओ सदर के नेतृत्व में कई थानों की फोर्स व पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था।
प्रत्याशी पार्टी विधायकों व पदाधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। सुबह लगभग 11 बजे भाजपा समर्थित दीनानाथ शर्मा ने चार सेट में पर्चा भरा। वहीं दोपहर लगभग 12 बजे सपा के तेजनारायण ने तीन सेट में नामांकन दाखिल किया। तीन बजे के बाद नामांकन पत्रों की जांच में सभी वैध पाए गए। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अब भाजपा व सपा के बीच सीधी टक्कर होगी। नियामताबाद ब्लाक के सेक्टर पांच से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य बबिता यादव ने नामांकन पत्र खरीदकर सनसनी फैला दी थी।
उन्होंने दो दिन पहले ही नामांकन पत्र खरीदा था। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणात्मक मुकाबला होने के आसार जताए जा रहे थे। हालांकि बबिता ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। ऐसे में उनका पर्चा खरीदना सिर्फ चुनावी स्टंट माना जा रहा। नामांकन के दौरान कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर ही समर्थकों को रोक दिया गया। प्रत्याशी, प्रस्तावक, जनप्रतिनिधियों व चंद पार्टी पदाधिकारियों को ही अंदर जाने दिया गया।
नामांकन के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर गहमागहमी दिखी। प्रत्याशियों के समर्थक व पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। सीओ राजवीर सिंह के नेतृत्व में सदर, सैयदराजा, अलीनगर समेत कई थानों की फोर्स तैनात रही। एसपी अमित कुमार ने भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सैयदराजा विधायक सुशील सिंह, सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव, पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, भाजपा की प्रदेश मंत्री व जिला प्रभारी मीना चौबे, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह, छत्रबली सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह मौजूद थे।
सपा का पलड़ा भारी, निर्दलियों के भरोसे सत्ता पक्ष
जिला पंचायत सदस्यों के जिले में 35 पद हैं। चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी पार्टी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। चुनाव में भाजपा के सिर्फ आठ व सपा के 12 उम्मीदवार जीते। बसपा के तीन और क्षेत्रीय दलों के दो उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। शेष 10 पदों पर निर्दलियों ने कब्जा जमाया। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने को 18 सदस्यों के जादुई आंकड़े को पार करने के लिए निर्दलीय ही सहारा बनेंगे।
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