चंदौली : सी-विजिल ऐप से आचार संहिता अनुपालन की होगी निगरानी, कंट्रोल रूम में पहुंचेगी शिकायत

संहिता
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चंदौली। विधानसभा चुनाव में सी-विजिल ऐप अधिकारियों की आंख बनेगा। इसके जरिए आचार संहिता के अनुपालन की निगरानी की जाएगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही एप्लिकेशन एक्टिव हो गया है, जो मतदान की समाप्ति तक रहेगा। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति आचार संहिता उल्लंघन की आनलाइन शिकायत कर सकता है। शिकायत सीधे जिला नियंत्रण कक्ष पहुंचेगी। उसे प्रदेश मुख्यालय पर बैठे अधिकारी भी देख सकेंगे। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखते हुए 100 मिनट के अंदर निस्तारण किया जाएगा।

चुनाव में आदर्श आचार संहिता का पालन कराने का निर्देश है। इसमें आमजन को सहभागी बनाने के उद्देश्य से आयोग ने सी-विजिल एप्लिकेशन लांच किया है। इसके जरिए लोग शिकायत कर सकते हैं। इसमें आचार संहिता के उल्लंघन की फोटो और वीडियो दोनों अपलोड की जा सकती है। शिकायत तत्काल जिला मुख्यालय पर स्थापित निर्वाचन कंट्रोल रूम तक पहुंचेगी। वहीं शासन स्तर पर बैठे अधिकारी भी निगरानी कर सकेंगे।

100 मिनट के अंदर शिकायतों का निस्तारण अनिवार्य होगा। चुनाव के समय यदि कोई पैसा, शराब आदि बांट रहा है तो आप इसकी फोटो या वीडियो बनाकर इस एप से शिकायत कर सकते हैं। यह आम व्यक्ति भी कर सकता है। इसके द्वारा की गई शिकायत आयोग के पोर्टल पर पहुंच जाएगी। मौके पर एफएसटी (फ्लाइंग स्क्वायर टीम) पहुंचकर कार्रवाई करेगी। जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता के अनुपालन को लेकर महकमा अलर्ट है। शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे काम करेगा एप्लिकेशन
लोग एंड्रायड मोबाइल में 'सी-विजिल' ऐप को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टाल कर सकते हैं। इसमें तीन विकल्प दिए गए हैं। पहले में फोटो या वीडियो का विकल्प होगा। इसमें आचार संहिता उल्लंघन के फोटो या वीडियो को अपलोड करना होगा। जीपीएस के जरिए आयोग के पोर्टल पर स्थान खुद दिखने लगेगा। शिकायतकर्ता को उसके मोबाइल पर एक यूनिक आइडी मिलेगी।

फोटो और वीडियो बनाने के बाद शिकायतकर्ता को सिर्फ पांच मिनट का समय मिलेगा। एप्लिकेशन पहले से खींची गई फोटो व वीडियो अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा। दूसरे में व्यक्ति की ओर से ऐप से शिकायत करने पर सूचना आयोग के कंट्रोल रूम में पहुंचेगी। शिकायत को संबंधित यूनिट को फारवर्ड कर दिया जाएगा। हर फील्ड यूनिट के पास जीआइएस बेस्ड मोबाइल एप्लीकेशन होती है, जिसे 'सी-विजिल' डिस्पैचर कहते हैं। तीसरे में फील्ड यूनिट के जरिए कार्रवाई संबंधित आरओ को निर्णय व निस्तारण के लिए कार्रवाई की रिपोर्ट दी जाएगी। शिकायत सही होने पर इलेक्शन कमीशन के नेशनल पोर्टल पर फारवर्ड कर दिया जाएगा।

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