कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए सहारा बनेगा प्रशासन, भोजन-पानी के साथ दिलाएगा आश्रय
चंदौली। कोरोना काल में माता-पिता के संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने अथवा मौत से बेसहारा बच्चों के लिए प्रशासन सहारा बनेगा। शासन के निर्देश पर जिले में ऐसे बच्चों को चिह्नित करने का कार्य प्रगति पर है। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों संग बैठक की। इस दौरान अभियान के बाबत विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने संबंधित विभागों को जिम्मेदारी सौंपी। आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, कोरोना के चलते अनाथ व बेसहारा हुए बच्चों की मदद के लिए सरकार ने पहल की है। जिले के ऐसे बच्चों की सूची मांगी गई है। ऐसे में अनाथ, परिवार से बिछड़े अथवा परिवारविहीन हुए बच्चों के बारे में पूरी सूचना एकत्र की जाए। इसके लिए निगरानी समितियों की मदद ली जा सकती है। नगरीय व ग्रामीण इलाकों में गठित निगरानी समितियों के सदस्यों की मदद से ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी करें। अभिायन का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी इंद्रावती यादव को इसको लेकर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का निर्देश दिया। बोले, बच्चों को गोद दिलाने, रहन-सहन व भोजन-पानी की पूरी व्यवस्था की जाए। उन्हें हर हाल में संरक्षण मिलना चाहिए। यदि आपकी नजर में कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो बच्चों को गोद लेने का इच्छुक हो तो उससे समन्वय स्थापित करें। वहीं ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर भी नजर रखी जाए। बदले माहौल में बेसहारा बच्चे इसका शिकार हो सकते हैं। कहा, बेसहारा बच्चों के परिवार को राशन, चिकित्सा आदि की सुविधा दिलाई जाए।
उन्होंने डीपीओ को महिला व बाल संरक्षण गृहों का निरीक्षण कर कोरोना से बचाव को लेकर इंतजाम कराने के निर्देश दिए। वहीं महिला कल्याण विभाग व उसकी इकाइयों के समस्त कर्मियों का वैक्सीनेशन कराने पर जोर दिया। सीडीओ अजितेंद्र नारायण, सीएमओ डाक्टर वीपी द्विवेदी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट राम्या रामराज, एसीएमओ डाक्टर डीके सिंह, डीएसओ देवेंद्र प्रताप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलम मेहता आदि मौजूद रहीं।
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