10 हजार से अधिक बिजली बिल के बकाएदारों को काल सेंटर से आएगा फोन

chandauli
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चंदौली। विधानसभा चुनाव बीतने के बाद बकाया बिजली बिल की वसूली को लेकर विभाग अलर्ट हो गया है। बिल वसूली अभियान के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है। पिछले दिनों पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने इसकी समीक्षा की थी। उन्होंने कार्ययोजना तैयार कर वसूली अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था। 10 हजार से अधिक बिल के बकाएदारों को फोन कर बिल जमा कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बिल जमा न करने वाले सरकारी दफ्तर भी विभाग के निशाने पर रहेंगे। उनसे बिल की वसूली की जाएगी। वहीं जो विभाग बिल जमा नहीं कराएंगे, उसका कनेक्शन भी काटा जा सकता है। बिजली खपत के अनुसार उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाने के साथ ही मीटर बदलने का भी काम किया जाएगा। प्रवर्तन दल में एसडीओ, जेई व कर्मचारियों के साथ ही मीटर विभाग के कर्मी भी शामिल रहेंगे। एक्सईएन को वसूली व कार्रवाई की नियमित रिपोर्ट पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को भेजनी होगी। अधिशासी अभियंता एके सिंह ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निर्देशानुसार बकाए राजस्व की वसूली के लिए अभियान चलेगा। उन्होंने बकाएदारों से कार्रवाई से बचने के लिए बिजली बिल जमा कराने की अपील की। 


बिल वसूली के लिए उपकेंद्रों पर लगेंगे शिविर 
विद्युत वितरण निगम ने सभी उपकेंद्रों पर बिजली बिल वसूली के लिए शिविर लगाने का आदेश दिया है। सभी उपकेंद्रों पर बिल जमा कराया जाएगा। विभाग गांवों में मुनादी कराकर इसका प्रचार-प्रसार भी करेगा। 


प्रत्येक लाइन मैन के क्षेत्र में 30 कनेक्शन काटने का लक्ष्य 
प्रत्येक लाइन मैन के क्षेत्र में बड़े बकाएदारों की सूची बनाई जाएगी। वहीं बिल जमा न करने वाले 30 बड़े बकाएदारों के बिजली कनेक्शन काटने का लक्ष्य रखा जाएगा। बिना कनेक्शन बिजली का उपयोग करने वाले कटियामारों पर कार्रवाई की जाएगी। 


सहज जनसेवा केंद्रों पर जमा होगा बिजली बिल 
सहज जन सेवा केंद्रों पर भी बिजली बिल जमा करने की सुविधा रहेगी। उपभोक्ता उपकेंद्र का चक्कर काटने की बजाए अपने नजदीकी सहज जनसेवा केंद्र पर जाकर बकाया बिजली बिल जमा करा सकते हैं। उन्हें रसीद भी मिल जाएगी। बिजली विभाग की ओर से भी उपकेंद्रों के अलावा अन्य स्थानों पर भी बिजली बिल संशोधन के लिए कंप्यूटर, लैपटाप व प्रिंटर से लैस कर्मी मौजूद रहेंगे। 


चुनावी घोषणाओं से प्रभावित रही बिल वसूली 
विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से 300 यूनिट बिजली बिल माफ करने व मुफ्त बिजली का वादा किया गया। इसका असर बिल की वसूली पर पड़ा। इससे राजस्व वसूली घटकर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई थी। ऐसे में विद्युत वितरण निगम अब सख्ती के मूड में है।

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