सकलडीहा विधानसभा : प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बढ़ी चुनावी सरगर्मी, इस बार भी पुराने दिग्गजों के बीच होगा मुकाबला
चंदौली। वर्ष 2012 में अस्तित्व में आई सकलडीहा विधानसभा सीट पर भाजपा, सपा व कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी व वर्तमान विधायक और सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव एक बार फिर चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। वहीं कांग्रेस के देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना स्थानीय होने की वजह से क्षेत्र में लोगों में अपनी मजबूत पकड़ के सहारे मैदान में डंटे हैं। सपा उम्मीदवार को जातिगत समीकरण व वर्चस्व पर भरोसा है तो सूर्यसुनी हार के बावजूद पिछले पांच साल तक क्षेत्र में अपनी सक्रियता व सरकार के विकास कार्यों की बदौलत उन्हें चुनौती दे रहे हैं। बसपा को अपने बेस वोट बैंक पर भरोसा है। इस विधानसभा सीट पर अभी तक कमल नहीं खिला है। 10 मार्च को ही पता चलेगा कि इस बार कमल खिलेगा अथवा साइकिल दोबारा रफ्तार भरेगी। बहरहाल प्रत्याशियों के मैदान में आने के बाद क्षेत्र में चुनावी पारा चढ़ने लगा है।
सकलडीहा विधानसभा पहले धानापुर का थी हिस्सा
परिसीमन के बाद 2012 में सकलडीहा विधानसभा अस्तित्व में आई। इसके पूर्व धानापुर का अंग थी। 1995 में सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव ने समता पार्टी के शिवकुमार सिंह को हराया था। 2001 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी सुशील सिंह को महज 38 वोटों से हराकर दोबारा विधायक बने। 2007 के विस चुनाव में बसपा के सुशील सिंह ने लगभग 4800 मतों से प्रभुनारायण को शिकस्त देकर विधायक की कुर्सी उनसे छीन ली थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में सकलडीहा विधानसभा से सुशील व प्रभुनारायण आमने-सामने रहे। सुशील ने निर्दल प्रत्याशी के तौर पर एक बार फिर प्रभुनारायण को हराया। सुशील सिंह को 66,509 और प्रभुनारायण को 59661 वोट मिले थे, जबकि बसपा के रामबिहारी चौबे को 42,818 मतों से संतोष करना पड़ा था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने तीसरी बार यहां जीत हासिल की। प्रभुनारायण ने 79,875 मत हासिल किए तो भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी को 64,906 मत पाकर हार का मुंह देखना पड़ा था।
जातिगत समीकरण
सकलडीहा विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं की बाहुल्यता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, ब्राम्हण व राजपूत, राजभर, मौर्या, चौहान मतदाता भी जीत-हार में अहम भूमिका अदा करते हैं। विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन लाख 30 हजार मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 78 हजार व 1 लाख 52 हजार महिला मतदाताओं हैं।
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