मनराजपुर कांड में बेटी को न्याय दिलाने के महिलाओं ने खोला मोर्चा, 48 घंटे के भूख हड़ताल का किया एलान
चंदौली। सैयदराजा थाना के मनराजपुर में पुलिस दबिश के दौरान निशा यादव की मौत की घटना में न्याय लेकर चल रहे आंदोलन में अब महिलाएं भी कूद गई हैं। बेटी को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं ने 48 घंटे की भूख हड़ताल की घोषणा की। शासन-प्रशासन पर मामले में लीपापोती का आरोप लगाते हुए न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
एपवा की राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मंशा पर सवाल खड़े किए। कहा कि प्रदेश में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। पुलिस किसी के भी घर में घुस जा रही है। बेटियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उनकी हत्याएं हो रही हैं। इसके बावजूद सरकार चुप है। सूबे की पुलिस को बेटियों के साथ हिंसा, हत्या और बलात्कार करने की खुली छूट मिली है। पीड़ितों की सुनवाई अब किसी पुलिस थाने में नहीं हो रही है। आरोप लगाया कि निशा की बेरहमी से पिटाई और हत्या की गई। शासन-प्रशासन आरोपित पुलिसकर्मियों को बचाने में जुटी हुई है। मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाए, ताकि पीडित परिवार को न्याय मिल सके। भूख हड़ताल में प्रमिला मौर्य, मानकुंवर, श्यामदेई, मुन्नी गोंड और संयुक्त किसान यूनियन की राजेश्वरी चतुर्वेदी शामिल हैं। इस दौरान ऐपवा नेता जीरा भारती, वाराणसी जिला सचिव स्मिता बागड़े, गाज़ीपुर की ऐपवा नेता मंजू गोंड, लीलावती भारती, कबूतरा देवी, अनीता आदि रहीं।
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