दहेज हत्या के आरोपित को सात वर्ष कठोर कारावास की सजा 

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चंदौली। अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) ज्ञानप्रकाश शुक्ला की न्यायालय ने दहेज हत्या के आरोपित को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। उन्होंने ताराजीवनपुर के प्रदीप चौबे को साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता रामअवध यादव ने तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए। 


सदर कोतवाली क्षेत्र के डेवढ़िल गांव निवासी निरंजन तिवारी की बहन सुधा की शादी 2008 में अलीनगर थाना के ताराजीवनपुर गांव निवासी प्रदीप चौबे के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोगों की ओर से सुधा को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। 20 अगस्त 2014 को निरंजन को सूचना मिली कि उसकी बहन आग की चपेट में आने से झुलस गई है। आनन-फानन में मायके पक्ष के लोग ताराजीवनपुर गांव पहुंच गए। घटना के पीछे सच्चाई मालूम होने पर निरंजन ने प्रदीप चौबे के खिलाफ अलीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामला अपर सत्र न्यायाधीश(एफटीसी) ज्ञान प्रकाश शुक्ला की अदालत में चल रहा था। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के साक्ष्य व तर्क सुनने के बाद प्रदीप चौबे को दोषी मानते हुए सात वर्ष कठोर करावास की सजा सुनाई।

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