बलिया प्रकरणः शासन-प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि के लिए पत्रकारों ने किया यज्ञ, जांच कराकर अफसरों को जेल भेजने की मांग 

Chandauli
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चंदौली। बलिया में नकल प्रकरण में पत्रकारों को जेल भेजने की कार्रवाई से पत्रकारों में रोष है। राष्ट्रीय पत्रकार संघ के आह्वान पर पत्रकारों ने शनिवार को कमालपुर के बभनियांव में पत्रकारों ने शासन-प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया। इस दौरान बलिया के प्रशासनिक अधिकारियों पर नकल माफियाओं के साथ साठगांठ का आरोप लगाया। साथ ही जांच कराकर दोषी अफसरों को तत्काल जेल भेजने की मांग की। चेताया कि यदि मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। 

राष्ट्रीय पत्रकार संघ के कार्यवाह राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह शक्ति ने कहा कि शासन-प्रशासन पत्रकारों का उत्पीड़न कर रहा है। उन्हें फर्जी मामलों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है। सच्चाई को सामने लाना दिनोंदिन मुश्किल होता जा रहा। चौथे स्तम्भ को गलत ठहराने का कुत्सित प्रयास चल रहा है। बलिया के पत्रकारों को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए। साथ ही ज़िम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।  जिलाध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि प्रश्न पत्र लीक की सूचना देने पर पत्रकारों को ही जेल भेज देना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। अगर ऐसा ही होता रहा तो कोई पत्रकार भ्रष्टाचार को उजागर नहीं कर पाएगा। पत्रकार समाज के लिए कार्य करता है, लेकिन भ्रष्ट तंत्र पत्रकारों का दमन करने की साजिश रच रहा है। जिला प्रभारी अशोक मिश्रा विद्रोही ने कहा कि ऐसी घटना लोकतंत्र के लिए खतरा है। मांग  किया कि भ्रष्ट अधिकारियों को दंडित किया जाए। इस दौरान अश्वनी सिंह, दिवाकर राय, सत्येंद्र यादव, जमील खां, अनिल सिंह, बैरिस्टर यादव, सत्यनारायण प्रसाद, फखरे आलम, अंजनी सिंह आदि रहे।

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