टीबी को हराने में अतिपिछड़ा जिला आगे, प्रदेश के टाप-10 जिलों में हुआ शामिल, मिलेगा कांस्य पदक
चंदौली। टीबी मरीजों का इलाज कर उन्हें स्वस्थ और सेहतमंद बनाने में अतिपिछड़ा जिला काफी आगे पहुंच गया है। इसकी बदौलत चंदौली प्रदेश के टाप-10 जिलों में शामिल हो गया है। इस उपलब्धि के लिए शासन की ओर से अधिकारियों को कांस्य पदक से नवाजा जाएगा। इससे अधिकारी गदगद हैं।
क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसको लेकर अभियान चलाया जा रहा है। अब तक जिले में लगभग 30 हजार टीबी मरीज मिल चुके हैं। इसमें 28 हजार से अधिक का इलाज कराया जा चुका है। फिलहाल वे स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। मरीजों को दवा व उपचार के साथ ही पौष्टिक आहार भी दिलाया जा रहा। 2025 तक टीबी को जिले से समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
छह माह तक रोजाना लगता है इंजेक्शन
स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से अभियान चलाकर क्षय रोगियों को चिह्नित किया जाता है। उन्हें नियमित उपचार के साथ ही दवा भी उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही पौष्टिक आहार के सेवन व अन्य तरह की सावधानियां बरतने के लिए प्रेरित किया जाता है। मरीजों को छह माह तक रोजाना एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) इंजेक्शन लगता है। टीबी मरीजों की संख्या में लगभग दो फीसद की गिरावट आई है।
टीबी मरीजों को ले सकते हैं गोद
सीएमओ डाक्टर युगल किशोर राय ने बताया कि जिले में क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में बेहतर प्रयास किया गया है। इससे टीबी मरीजों की संख्या कम हुई है। सामाजिक संस्थाएं, अधिकारी आदि टीबी मरीजों को अधिकतम छह माह के लिए गोद ले सकते हैं। उन्हें उनके खान-पान की व्यवस्था करनी होगी। लोग टीबी मरीजों के लिए मूंगफली एक किग्रा, भुना चना एक किग्रा, गुड़ एक किग्रा सत्तू, एक किग्रा तिल, गजक एक किग्रा देकर सहयोग कर सकते हैं।
डाक विभाग घर-घर पहुंचा रहा दवा
टीबी मरीजों के इलाज में डाक विभाग भी सहयोग कर रहा है। ईच्छुक मरीजों को घर बैठे दवा पहुंचाई जा रही। डाकिया मरीजों को घर-घर ले जाकर दवा देते हैं। इससे मरीजों को काफी राहत मिल रही है। वहीं उनके खाते में सरकार से आर्थिक मदद भी भेजी जाती है।
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