बलिया में पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी से उबाल, संगठनों ने राज्यपाल व सीएम के नाम संबोधित पत्रक सौंपा
चंदौली। बलिया में यूपी बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी से पत्रकार संगठनों में नाराजगी है। गुरुवार को राष्ट्रीय पत्रकार संघ व उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएसन के सदस्यों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पत्रक जिलाधिकारी संजीव सिंह व अन्य अधिकारियों को पत्रक सौंपा। पत्रकारों की तत्काल रिहाई के साथ ही बलिया के डीएम व एसपी को हटाने की मांग की। चेताया कि यदि शासन-प्रशासन नहीं चेता तो उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे।
सदस्यों ने कहा कि बलिया जिले में नकल का खेल चल रहा था। इसको उजागर करने वाले निर्भिक पत्रकारों को प्रशासन ने जेल भेज दिया। यह स्थानीय डीएम व एसपी की कायरता को दर्शाता है। अफसरों ने अपनी करतूत को छिपाने के लिए तीन पत्रकारों को जेला भेजा। ऐसे अफसरों के खिलाफ शासन स्तर से जांच कराने के बाद सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। निर्दोष पत्रकारों की ससम्मान रिहाई के साथ दस-दस लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए। क्योकि उन्होने संस्कृत व अंग्रेजी का प्रश्नपत्र वायरल होने के बाद अखबार में छापने की हिम्मत की। धीरेंद्र सिंह शक्ति, सुनील सिंह, अश्वनी कुमार सिंह, जमील खान, जलील अंसारी, कमलेश सिंह, राम मनोहर तिवारी, अरविंद कुमार, अनिल कुमार सिंह रहे। उधर उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन(उपजा) के सदस्यों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। सदस्यों ने बलिया जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान पेपर लीक करने के आरोप में पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर नाराजगी जताई। साथ ही दोष अफसरों के खिलाफ कार्रवाई और पत्रकारों की रिहाई की मांग की। कवलजीत सिंह, चंद्रजीत पटेल, सुनील कुमार, अजीत यादव, राकेश यादव, बाबर अली, प्रकाश सिंह, मयंक सिंह, जावेद खान मौजूद रहे।
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