चंदौली में किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल का कारावास, भरना होगा अर्थदंड
चंदौली। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषी को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। अलग-अलग धाराओं में कुल 23 हजार का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड न देने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। विशेष अधिवक्ता (पाक्सो) शमशेर बहादुर सिंह ने न्यायालय में साक्ष्य और तर्क प्रस्तुत किया।
शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि 2 जनवरी 2018 को कंदवा थाना क्षेत्र के पई कुशी गांव के बहादुर गोंड ने थाने में तहरीर देकर सूचित किया था कि उनकी पुत्री घर से लापता हो गई है। खोजबीन के बाद किशोरी के स्कूल बैग से गांव के ही लालू शर्मा का मोबाइल बरामद हुआ है। पुलिस ने इस मामले में बाबुलाल उर्फ शिवकुमार व लालू शर्मा के खिलाफ 363 और 366 के तहत मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के दौरान पुलिस ने 376, 506 और 3/4(पाक्सो एक्ट) तथा एससी एसटी एक्ट के तहत धाराओं को मुकदमें में बढ़ोत्तरी कर दी। इसी मामले की सोमवार को विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) के कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने साक्ष्यों का अवलोकन व अधिवक्ता के तर्क सुनने के बाद बाबूलाल उर्फ शिवकुमार को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने धारा 363 आईपीसी के तहत चार वर्ष का कारावास और पांच हजार अर्थदंड, धारा 366 के तहत पांच वर्ष कारावास और सात हजार अर्थदंड, धारा 506 में एक वर्ष कारावास तथा एक हजार का अर्थदंड तथा पाक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष का कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड जमा करने का आदेश दिया। विशेष अधिवक्ता शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि दोषी को कुल 20 वर्ष की सजा तथा 23 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है।
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