पन्नीरसेल्वम ने स्टालिन से फोर्ड मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की
मंगलवार को एक बयान में, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया रिपोटरें के अनुसार, फोर्ड प्लांट के बंद होने से बड़ी संख्या में श्रमिकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कार निर्माता द्वारा नियोजित हैं। कई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जो कार निर्माता पर निर्भर थे, उन्हें भी फोर्ड प्लांट के बंद होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्टालिन से सीधे कंपनी प्रबंधन और कर्मचारियों से बात करने और संयंत्र के निरंतर संचालन के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्मचारियों की नौकरी ना जाए।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 2022 की दूसरी तिमाही तक फोर्ड कंपनी के चेन्नई में अपने वाहन और इंजन निर्माण संयंत्रों से बाहर निकलने के निर्णय से लगभग 2,600 श्रमिकों और पर्यवेक्षकों की नौकरी का नुकसान होगा।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा है कि फोर्ड कंपनी के इस कदम से कंपनी के लगभग 170 डीलर्स बुरी तरह प्रभावित होंगे, जिन्होंने संयुक्त रूप से लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। फाडा ने एक बयान में कहा कि इन 170 डीलरों में करीब 40,000 लोग कार्यरत हैं।
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने एक बयान में कहा कि फ्रेंचाइजी प्रोटेक्शन एक्ट को भारत सरकार द्वारा तुरंत लागू किया जाना चाहिए क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि कंपनियां अपना संचालन बंद करने से पहले फ्रेंचाइजी को पर्याप्त रूप से मुआवजा दें। उन्होंने कहा कि जहां फोर्ड ने अपने सानंद और चेन्नई प्लांटों में 4,000 लोगों को रोजगार दिया था, वहीं डीलरों ने 40,000 लोगों को रोजगार दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि फोर्ड ने पांच महीने पहले कई डीलरों को नियुक्त किया था और इन डीलरों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
--आईएएनएस
एचके/एएनएम
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