भदोही : सीएम सामूहिक विवाह में 225 जोड़े बंधे सात जन्मों के बंधन में, तो चार जोड़े ने कहा कबूल है

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भदोही। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनार्तगत विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर में गरीब व असहाय परिवारों की 229 पुत्रियों का सामूहिक विवाह सौहार्दपूर्ण माहौल में विधि विधान मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न हुआ। इस दौरान उपस्थित अतिथियों ने नवविवाहित वर-वधू को उनके सुखद जीवन के लिए आर्शीवाद देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। सामूहिक विवाह में 225 बेटियों ने जहां सात फेरे लेकर दाम्पत्य बंधन में बंधे वहीं चार जोड़े ने कबूल है के साथ निकाह की रस्म पूरी की।

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भव्य पंडाल में सामूहिक विवाह कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद रमेश चन्द बिंद,  जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, विधायक भदोही रवीन्द्र नाथ त्रिपाठी, विधायक औराई दीनानाथ भास्कर, जिलाधिकारीआर्यका अखौरी तथा मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारम्भ किया। 

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मंच पर आसीन सभी अतिथियों का बुके भेंट कर स्वागत किया गया। सासंद रमेश चन्द बिंद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 229 गरीब परिवारों की पुत्रियों का विवाह समारोह सम्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की पुत्रियों का विवाह कराया जाता है, यह योजना बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो रही है। 

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लाभपरक व जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। राज्य सरकार द्वारा पात्र लाभार्थियों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है और उनको रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। 

सांसद ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिये विभूति नारायण राजकीय इंटर कालेज में जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की इस योजना से समाज के अन्तिम छोर पर खड़े गरीब व्यक्ति तक लाभ पहुंचा है। इसके अलावा इस विवाह समारोह में सभी लोगो का आपसी सामंजस्य एक-दूसरे के प्रति लगाव को दर्शाता है। जिसके तहत जनपद के विभिन्न धर्म तथा समुदाय के लोगों ने समारोह में हिस्सा लिया। 

उन्होनें योजना की तारीफ करते हुए कहा कि सामजिक समरसता की दिशा में यह योजना वरदान साबित होगी। विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत गरीब एवं असहाय परिवारों की पुत्रियों का विवाह कराया जा रहा है। 

सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत सभी समुदाय व धर्मो के रीति रिवाजों के अनुसार व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पहले के समय में लड़कियों की शादी करना माता पिता के लिये एक बड़ी जिम्मेदारी का कार्य होता था। जिसके लिये गरीब परिवारों को कर्ज तक लेना पड़ता था। जिससे उनकी आर्थिक स्थति कमजोर हो जाती थी। समाज के हर पहलू को देखते हुए शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। 

विधायक औराई दीनानाथ भास्कर ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाऐ। श्रम विभाग, कृषि विभाग तथा विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारा और हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। शासन और सरकार की मंशा के अनुरूप पात्र लाभार्थियों को लाभ दिलाऐं और कोई भी पात्र लाभार्थी किसी भी दशा में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लाभपरक योजनाओं का लाभ लेने से वंचित नहीं रहना चाहिए। 

जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम में उपस्थित सभी नवविवाहित वर-वधू को उनके सुखद जीवन के लिए आर्शीवाद देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, निराश्रित व निर्धन परिवारों के विवाह योग्य कन्याओं के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रदेश के अंदर निवास करने वाले सभी समुदायों व वर्गों के व्यक्तियों के लिए संचालित है। 

गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले परिवार जिनकी वार्षिक आय दो लाख रूपये से कम है वे सभी लाभ लेने के लिए अनुमन्य हैं। उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त विकास खण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों से लगभग 229 जोड़ों का विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। जिसमें 4 मुस्लिम जोड़े और 225 हिन्दू जोड़े रीति रिवाज के साथ विवाह संपन्न हुआ। 

उन्होंने बताया कि योजनार्न्तगत प्रत्येक जोड़े पर 51,000 हजार का व्यय आता है। जिसमें संबंधित वधू पक्ष अर्थात कन्या को 35,000 हजार की अनुदान राशि उनके स्वयं के बैंक खाते में अन्तरित की जाती है और 10,000 में वधू पक्ष को विवाह के लिए सामग्री जैसे चांदी की पायल, बीछिया, डिनर सेट, कपड़े, कम्बल इत्यादि दिये जाते हैं और 6,000 हजार खान-पान, टैंट पण्डाल आदि की व्यवस्था पर व्यय होता है। 

उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन अधिकारी के द्वारा सभी जोड़ों का विवाह पंजीकरण भी किया जाता है।  गरीब व असहाय परिवारों की 229 पुत्रियों का सामूहिक विवाह सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। जिसमें से 225 जोड़ों का हिन्दू रिति रिवाज और 4 जोड़ों का मुस्लिम रीति रिवाज के साथ किया गया। 

विवाह कार्यक्रम के बाद नवविवाहित युगल और वर-वधू पक्ष के परिजनों ने पंडाल में भोजन ग्रहण किया। सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी महेन्द्  यादव, दिव्यांग एवं महिला सशक्तिकरण अधिकारी, आदि सहित बडी संख्या में मौजूद अधिकारियों जनप्रतिनिधियों पत्रकारों व गणमान्य लोगों ने नवविवाहित दम्पतियों को शुभकामनायें दी।

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