सीएचसी नरपतपुर में एक्सरे मशीन के अभाव में जिला चिकित्सालय रेफर किए जा रहे टीबी के मरीज

जहां सरकार की ओर से टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है और टीबी रोगियों को उनके निकटतम पीएचसी एवं सीएचसी पर ही जांच कर निशुल्क उपचार करने की व्यवस्था की गई है। वहीं चिरईगाँव के नरपतपुर सीएचसी में एक्सरे मशीन नहीं होने के चलते संभावित मरीजों को कहीं और रेफर किया जा रहा है। इससे मरीजों को दूर-दराज जाने में परेशानी  हो रही और रिपोर्ट में देरी के चलते उपचार में भी देरी हो रही है।     

 

वाराणसी। जहां सरकार की ओर से टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है और टीबी रोगियों को उनके निकटतम पीएचसी एवं सीएचसी पर ही जांच कर निशुल्क उपचार करने की व्यवस्था की गई है। वहीं चिरईगाँव के नरपतपुर सीएचसी में एक्सरे मशीन नहीं होने के चलते संभावित मरीजों को कहीं और रेफर किया जा रहा है। इससे मरीजों को दूर-दराज जाने में परेशानी  हो रही और रिपोर्ट में देरी के चलते उपचार में भी देरी हो रही है।     

नरपतपुर सीएचसी पर ब्लॉक क्षेत्र में कुल 216 पंजीकृत मरीजों का निःशुल्क उपचार चल रहा है, जिसमें से 25 मरीज एमडीआर श्रेणी के है। सीएचसी पर तैनात वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक माधव कृष्ण मालवीय ने बताया कि इस महीने लक्षण के आधार पर 23 मरीजों को चिन्हित किया गया है, जिनके कफ की जांच कर ली गई है, लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों के कारण एक्सरे रिपोर्ट अपरिहार्य हो गया। जिससे पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है, लेकिन अधिकतर लोग अभीं तक वापस नहीं आये है।

बता दें कि पिछले कुछ समय पहले ही स्थानीय सांसद एवं भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने सीएचसी को गोद लिया था और पहले ही चरण में एक्सरे मशीन स्थापित करने के लिए पांच लाख रुपए तुरन्त देने का वादा भी किया था, लेकिन किन्हीं कारणों से अभी तक मशीन नहीं लग पाई।
   

सीएचसी अधीक्षक डॉ राजनाथ राम ने बताया कि यहां प्रतिदिन आठ से दस दर्जन मरीजों को ओपीडी में देखा जा रहा है। इसमें से दो तिहाई मरीज वायरल फीवर के आते हैं। चिकित्सालय में बुखार से पीड़ित रोगी का मलेरिया व डेंगू के जांच की किट व दवाइयां मौजूद है। वार्डबॉय की नियुक्ति नहीं होने से भर्ती मरीजों की देखभाल में परेशानी होती है।