संकष्ठी गणेश चतुर्थी : देवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, व्रती माताओं ने मांगी संतान के लंबी आयु की कामना

गणेश चतुर्थी का पर्व रविवार को पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। महिलाएं अन्न जल का त्याग कर भगवान गणेश की उपासना में लग गई है। सुबह सवेरे ही शहर के प्रमुख गणेश मंदिरों में दर्शन करने वालों श्रद्धालुओं की लाईन लग गई है। 
 

वाराणसी। गणेश चतुर्थी का पर्व रविवार को पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। महिलाएं अन्न जल का त्याग कर भगवान गणेश की उपासना में लग गई है। सुबह सवेरे ही शहर के प्रमुख गणेश मंदिरों में दर्शन करने वालों श्रद्धालुओं की लाईन लग गई है। 

भोर से ही लोहटिया स्थित बड़ा गणेश, सोनारपुरा स्थित चिंतामणि गणेश, ढुंढीराज गणेश समेत अन्य मंदिरों में दर्शन करने वालों की लंबी कतार लग गई। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पर्याप्त संख्या में पुलिस तैनात की है। वहीं मैदागिन से लोहटिया जाने वाले मार्ग पर चार पहिया वाहनों की आवा-जाही बंद कर दी गई है।

गणेश मंदिर के बाहर महिलाओं और माताओं की लंबी लाईन लगी है। माघ के कृष्ण पक्ष की चतुर्थि तिथि को ही संकष्टी चतुर्थी मनायी जाती है। इस दिन भगवान गणेश के दर्शन का विशेष महत्व है। चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही व्रती महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं। यह व्रत पुत्रों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।

ऐसी मान्यता है कि व्रत रखने वाले महिलाओं के पुत्र के ऊपर आया संकट टल जाता है। भगवान गणेश की पूजा देवताओं में सबसे पहले होती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के रखने वाले लोगों की सभी मनोकामनाएं भगवान पूरी करते हैं।

हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। माना जाता है कि जिस पर भगवान गणेश का आशीर्वाद होता है उसके जीवन में सफलता पाने के दौरान कोई भी बाधा नहीं आती है, ऐसे में सभी लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं और जीवन में सफलता पाते हैं। 

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार माघ कृष्ण चतुर्थई 31 जनवरी की रात 9.40 बजे लग रही है, जो एक फरवरी की रात 7.57 बजे तक रहेगी। वहीं 31 जनवरी को चंद्रोदय रता 8.20 बजे हो रहा है। रात्रि व्यापिनी चतुर्थी 31 जनवरी को मिल री है। इसलिए गणेश चतुर्थी इस दिन मनाई जाएगी। व्रती महिलाए रात में रात में चंद्र पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारन करेंगी।