विराट मंगल कलश यात्रा के साथ चित्रकूट में शुरु हुआ 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ
-कलश यात्रा में संतों के साथ उमड़ा हजारों भक्तों का सैलाब
-गाजे बाजे के साथ चित्रकूट में निकली 6 किलोमीटर लंबी कलश यात्रा
चित्रकूट,17 दिसम्बर (हि.स.)। लोक मंगल की कामना को लेकर भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में बुधवार को चार दिवसीय 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ हो गया है। कार्यक्रम के पहले दिन गायत्री शक्तिपीठ से भव्य कलश यात्रा का आयोजन हुआ। जिसमें चित्रकूट के सभी अखाड़ों के संत-महंतों के साथ-साथ देशभर से आये हजारों गायत्री परिवार के सदस्यों ने सहभागिता की। भगवान कामतानाथ की नगरी चित्रकूट धाम में लम्बे अरसे के बाद पीला सैलाब देखने को मिला।
विश्व कल्याण की कामना एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार को देश दुनिया में पहुंचाने के उद्देश्य से प्रभु श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में चार दिवसीय श्रद्धा संवर्धन विराट 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ बुधवार को विशाल मंगल कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा का प्रारंभ गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट व यज्ञ स्थल से गाजे बाजे के साथ हुआ । कलश यात्रा का पूजन कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय,वरिष्ठ भाजपा नेत्री रंजना उपाध्याय, सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट की श्रीमती ऊषा जैन, कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत डा0मदन गोपाल दास महाराज, संतोषी अखाड़ा के महंत राम जी दास महाराज,बडा अखाडा के महंत वरुण प्रपन्नाचार्य,दिगम्बर अखाडा के महंत दिव्य जीवन दास महाराज, भाजपा जिलाध्यक्ष महेंद्र कोटार्य, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, नया गांव के राजा हेमराज सिंह चौबे,जिला कार्यवाह अतुल प्रताप सिंह, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र ,पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद, गायत्री परिवार के जोन समन्वयक मान सिंह वर्मा,भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी,वरिष्ठ नेता ममता तिवारी,राखी चौबे,समाजसेवी केशव शिवहरे ,शंकर यादव,ऋषि आर्या आदि ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। शोभा यात्रा में हाथी, घोड़े, विभिन्न झांकियां, विविध घोष आकर्षण का केंद्र बिंदु रहे। पूरी यात्रा में आओ सुहागिन नार कलश सर धारण करो गीत की गूंज मन हो मोह रहा था। पूरे तीर्थ क्षेत्र में एक अलौकिक छटा बिखरी रही। कलश यात्रा में महिलाएं कलश धारण कर मंगल गीत गाते हुए आगे बढ़ रही थी। विभिन्न झांकियां भारत माता, गायत्री माता, शंकर पार्वती, लक्ष्मीबाई, अवंती बाई, महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर आजाद , भगवान राम, कृष्ण राधा आदि की झांकियां विभिन्न वाहनों में चल रही थी। शंखध्वनि होती रही। कलश यात्रा गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट से चलकर सियाराम कुटीर, रघुवीर मंदिर, जानकी कुंड होते हुए कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद व प्रथम मुखारविंद से यज्ञ स्थल में पहुंची। मंगल कलश यात्रा का जगह-जगह पर फूल बरसा कर व जल पिलाकर स्वागत किया गया। यज्ञ शाला में शांतिकुंज टोली द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया, मंगल गीत गाए गए और तमाम विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किया। यज्ञशाला में प्रथम धर्म ध्वजा फहराई गई।
गायत्री शक्तिपीठ के संचालक और इस विराट गायत्री यज्ञ के संयोजक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि समाज में सनातन धर्म की रक्षा के लिए पूरे देश व विश्व में यज्ञ के माध्यम से एक जुटता का संदेश देना है। विशाल मंगल कलश यात्रा में कई हजार महिलाएं पुरुष उत्साह पूर्वक वातावरण में शामिल हुए । उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड में चित्रकूट के समान कोई तीर्थ नहीं है। यहां किया गया जप तप साधना अन्य जगहों से सैकड़ो गुना अधिक फलदायी है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने 24 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ चित्रकूट की प्राण प्रतिष्ठा की थी। पूज्य माताजी ने यहीं से महाप्राण की घोषणा किया । डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा की परम वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा जी वह अखंड दीप शताब्दी वर्ष 2026 के पूर्व यह एक 151 कुंडीय महायज्ञ यादगार रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल