रजवाहा की पटरी कटने से किसानाें की 50 बीघा फसलें जलमग्न

 


हाथरस, 16 दिसंबर (हि.स.)। क्षेत्र के घूंचा गांव में मंगलवार तड़के जुगसना रजवाहा की कच्ची पटरी कट गई। इस घटना से लगभग 50 बीघा आलू, गेहूं और सरसों की फसल जलमग्न हो गई। खेतों में अचानक पानी भर जाने से किसानों में चिंता फैल गई, जिसके बाद वे कड़ाके की ठंड के बावजूद पटरी की मरम्मत में जुट गए।

यह घटना मंगलवार सुबह करीब चार बजे सामने आई। किसान रामकृष्ण जब अपने खेतों की ओर गए, तो उन्होंने वहां भारी मात्रा में पानी भरा देखा। जांच करने पर पता चला कि रजवाहा की पटरी टूटने के कारण नहर का पानी सीधे खेतों में घुस गया था। उन्होंने तुरंत सिंचाई विभाग और गांव के अन्य किसानों को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही कई किसान मौके पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पटरी की मरम्मत का काम शुरू कर दिया। कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान पानी में उतरकर कटी हुई पटरी को ठीक करने में लगे रहे। इसके अतिरिक्त, खेतों में भरे पानी को निकालने के लिए ट्रॉली, कपलिंग और इंजन का उपयोग कर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। किसान ने बताया कि रजवाहा की पटरी कटने और खेतों में पानी भरने की खबर फैलते ही ग्रामीण अपने-अपने खेतों की ओर दौड़ पड़े। कई किसानों की आलू, गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई, जिससे भारी नुकसान की आशंका है। किसान रामकृष्ण, सुरंजन सिंह, भीकम सिंह और राम खिलाड़ी सहित अन्य किसानों की लगभग 50 बीघा फसल इस घटना से प्रभावित हुई है। किसानों ने आरोप लगाया है कि नहर विभाग बिना किसी पूर्व सूचना के नहर और बंबा में पानी छोड़ देता है। उनका कहना है कि कच्ची पटरी पानी का दबाव सहन नहीं कर पाती और टूट जाती है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। किसानों ने मांग की है कि रजवाहा की पटरी को पक्का किया जाए और पानी छोड़ने से पहले उन्हें सूचित किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / मदन मोहन राना