बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

 


फिरोजाबाद, 24 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचाराें का विरोध बढ़ता जा रहा है। देश दुनिया में लोग बांग्लादेश सरकार की आलोचना कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद में आज राष्ट्रीय युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के विरोध में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। जिसके माध्यम से उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष 8 मांगे रखी हैं।

राष्ट्रीय युवा वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित श्रीकांत उपाध्याय के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में संगठन ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू दास को ईशनिंदा के आरोप में इस्लामिक कट्टरपंथी की भीड़ ने जिंदा जला दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिससे स्पष्ट होता है कि घटना के समय दीपू दास बांग्लादेश पुलिस की मौजूदगी में था, इसके बावजूद उसकी हत्या कर दी गई। संगठन ने इसे बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं की सुरक्षा पर बढ़ते खतरे का प्रमाण बताया।

संगठन ने ज्ञापन में कहा कि बांग्लादेश में सरकार, प्रशासन और कट्टरपंथी तत्वों की मिलीभगत के कारण अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से आठ सूत्रीय मांगें रखीं। इनमें प्रमुख रूप से भारत में 9 जनवरी 2026 से प्रस्तावित आईपीएल लीग में बांग्लादेशी क्रिकेटरों की भागीदारी पर पाकिस्तान की तर्ज पर प्रतिबंध लगाया जाए। जब तक बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं होते, तब तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बांग्लादेश की भागीदारी पर रोक लगे। इसके अतिरिक्त, हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होने तक भारत की ओर से बांग्लादेश को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर प्रतिबंध लगाया जाए। साथ ही भारत-बांग्लादेश के बीच सभी प्रकार के व्यापार पर भी रोक लगाई जाए। इस दौरान बड़ी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / कौशल राठौड़