न्याय के लिए पेट्रोल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ा युवक
- लिखित आदेश के बाद ही उतरा टंकी के नीचे,वीडियो वायरल
झांसी, 01 सितंबर (हि.स.)। प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील मऊरानीपुर में विरासत के मुकदमे में तहसीलदार के आदेश से क्षुब्ध होकर एक युवक तहसील कंपाउंड में बनी पानी की टंकी पर पेट्रोल लेकर चढ़ गया। जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। उपजिलाधिकारी समेत पूरा प्रशासनिक अमला युवक से नीचे उतरने की गुहार लगाता रहा। उसके वकील के आश्वासन और लिखित आदेश पर एक घंटे बाद युवक को नीचे उतारा जा सका। जबतक प्रशासन की सांसें फूली रहीं। इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पीड़ित आनंद तिवारी निवासी ग्राम पचवारा का विरासत का मुकदमा तहसीलदार के यहां चल रहा था। जिसमें 28 अगस्त 2024 को उसके खिलाफ आदेश पारित होने पर वह क्षुब्ध हो गया। बीते रोज एक केन में पेट्रोल लेकर तहसील कार्यालय के पीछे बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया और तहसीलदार मुर्राबाद के नारे लगाने लगा। जिसे देखकर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इसकी सूचना तत्काल अग्निशमन विभाग को दी गई। उसके वकील बैजनाथ तिवारी को उपजिलाधिकारी ने बुलाया एवं उसे समझाकर नीचे उतरवाने के लिए कहा। लेकिन वह किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। वह तहसीलदार द्वारा उसके खिलाफ किए गए आदेश के वापस लेने की मांग करता रहा। जबतक उसने आदेश वापस लिखित में नहीं देख लिया तब तक वह नीचे नहीं उतरा।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी गोपेश तिवारी ने बताया कि उसके दादा काशी प्रसाद की तीन संतान थीं। ओमप्रकाश, रामप्रकाश, महादेव एवं तीन नाती थे। आनंद तिवारी, योगेश, महेश को काशीप्रसाद ने अपनी संपत्ति योगेश, महेश को 2016 में वसीयत कर दी थी। जिसे लेकर 2019 में तहसीलदार द्वारा वसीयत के आधार पर योगेश, महेश के पक्ष में फैसला सुना दिया था। जिसकी अपील उपजिलाधिकारी के न्यायालय में की गई थी। जिसमें तहसीलदार को पुन सुनवाई के आदेश दिए गए थे। तहसीलदार ने 28 अगस्त को पुन पूर्व आदेश को बहाल करते हुए आदेश पारित कर दिया। जिससे वह क्षुब्ध हो गया एवं पानी की टंकी पर चढ़ गया।
पीड़ित आनंद तिवारी का आरोप है कि योगेश, महेश ने दादा काशी प्रसाद को गुमराह कर 2016 में वसीयत पर दस्तखत करा लिए थे। फिलहाल लिखित कार्रवाई की जांच के बाद वह टंकी से नीचे उतरा। फिलहाल इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया