निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए एक नवंबर से योगी सरकार चलाएगी विशेष अभियान
लखनऊ, 30 अक्टूबर (हि.स.)। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक नवंबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाने जा रही है। सरकार ने अभियान की समीक्षा बैठक में निराश्रित गोवंश के लिए पर्याप्त गोसंरक्षण केन्द्रों की स्थापना करने और गोवंश के भरण पोषण के लिए पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ गोसंरक्षण केन्द्रों पर नंदी के लिए अलग शेड की व्यवस्था करने को कहा गया है। अभियान की साप्ताहिक एवं पाक्षिक रिपोर्ट मुख्यालय पर उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही टीम-9 द्वारा 7 से 9 नवंबर तक प्रभारी मण्डलों के उन ब्लॉकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां अधिक संख्या में निराश्रित गोवंश की सूचना प्राप्त हो होगी।
पांच विभाग के समन्वय से सफल होगा अभियान
समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए कि गोवंश के संरक्षण में संवेदनशीलता बरती जाए और ट्रैक्टर संग कैटल कैचर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से कर ली जाए। अभियान में गृह विभाग, राजस्व विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित कर सफल बनाया जाए। संरक्षित किये जाने वाले गोवंश की देखभाल के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं चारा, भूसा, टीनशेड, विद्युत आपूर्ति, पेयजल एवं उपचार आदि के पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित किये जाए।
प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को प्रोत्साहित करते हुए प्रभावी रूप से संचालित किया जाए। वर्तमान में 6943 गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें 12,11,247 गोवंश संरक्षित किये गये हैं। इस दौरान पशुधन मंत्री ने लम्पी स्किन डिजीज पर प्रभावी नियंत्रण के लिए संतोष व्यक्त किया। अब तक लम्पी स्किन डिजीज से बचाव के लिए 1.59 करोड़ टीकाकरण किया गया है।
गोशालाओं के निर्माण स्थिति से कराया अवगत
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थलों तक पहुंचाने, गोआश्रय स्थलों का विस्तारीकरण, निर्माणाधीन गोशालाओं की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यथाशीघ्र निर्माणाधीन गोआश्रय स्थलों का कार्य पूर्ण कराया जाए और उनमें गोवंश को संरक्षित किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/आकाश