ताजनगरी को इंडस्ट्रियल सिटी के रूप में विकसित कर रही योगी सरकार

 


-आगरा में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर होगा विकसित, शहर के विकास को मिलेगी गति

- एक्सप्रेस-वे के निकट 1058 एकड़ में एनआईसीडीसी और यूपीसीडा करेंगे डेवलप

- कैबिनेट ने दोनों कंपनियों के बीच शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट को दी स्वीकृति

आगरा, 30 जून (हि.स.)। ताजमहल के लिए दुनिया भर में अपनी पहचान रखने वाला आगरा जल्द ही इंडस्ट्रियल रूप में भी अपनी छाप छोड़ेगा। अब इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर से यह मुमकिन होगा। हाल ही में कैबिनेट बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए एनआईसीडीसी और यूपीसीडा के बीच शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट को हरी झंडी दिखाई गई। शहर के विकास को रफ्तार देने वाला ये प्रोजेक्ट अब गति पकड़ेगा।

योगी सरकार ताजनगरी को इंडस्ट्रियल सिटी के रूप में विकसित कर रही है। आगरा के रहन कला और कुबेरपुर में एक हजार एकड़ से अधिक जमीन पर ये क्लस्टर डेवलप किया जाना है। पूर्व में यह जमीन थीम पार्क के लिए ली गई थी, अब इस जमीन पर क्लस्टर बनेगा। यह जमीन यमुना एक्सप्रेस-वे, लखनऊ एक्सप्रेस-वे और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के समीप है। इसके लिए इगिस इंटरनेशनल एसए फ्रांस, इगिस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्रा. लि गुरुग्राम, सीबीआरई साउथ एशिया प्रालि गुरुग्राम को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है। इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की कार्यदायी संस्था नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से डेवलप किया जाना है। दोनों संस्थाओं का शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट लंबित था, जिसे हाल ही में कैबिनेट बैठक में अनुमति दी गई।

इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए 1595 पेड़ों को हटाया जाना है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने का इंतजार है। यूपीसीडा के अधिकारियों की मानें तो पेड़ हटाने की अनुमति मिलने के साथ ही ग्राउंड पर कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। यूपीसीडा के अधिशासी अभियंता श्योदान सिंह ने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में एनआईसीडीसी और यूपीसीडा के बीच शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट को स्वीकृति दी गई है। अब सुप्रीम कोर्ट से पेड़ों को काटने की अनुमति मिलने का इंतजार है। प्रोजेक्ट के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति हो चुकी है।

इस प्रोजेक्ट का सीधा फायदा उद्योग जगत को होगा। इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में फैक्ट्री लगेगी। इससे आसपास के लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि तैयार सामान को रोड या फिर ट्रेन से आसानी से अन्य राज्यों में भेजा जा सकेगा। अब तक टूरिज्म इंडस्ट्री के रूप में पहचान रखने वाले आगरा की इंडस्ट्रियल सिटी के रूप में भी छाप देश और दुनिया में पड़ेगा। इससे शहर की इकोनॉमी को फायदा पहुंचेगा। इंटीग्रेटेड कलस्टर में अलग-अलग साइज के प्लॉट होंगे। ऐसे में शहर कारोबारियों को भी अपने कारोबार को गति देने के अवसर मिलेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजेश