आयुर्वेद एक सशक्त चिकित्सा पद्वति एवं जीवन दर्शन : डा विवेक चतुर्वेदी
प्रयागराज, 09 नवम्बर (हि.स.)। धन्वंतरि जयंती (आठवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस) की पूर्व संध्या पर सिविल लाइंस स्थित एक होटल में विश्व आयुर्वेद परिषद प्रयागराज की ओर से धन्वंतरि जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि महाकुम्भ के अपर मेला अधिकारी डॉ विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि आयुर्वेद एक सशक्त चिकित्सा पद्वति एवं जीवन दर्शन है, इसे अपनाकर हम निरोग रह सकते हैं। कार्यक्रम में सम सामयिक रोगों पर चर्चा भी की गई।
मुख्य वक्ता विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं चिकित्सक प्रकोष्ठ सह प्रभारी वैद्य प्रेमशंकर पाण्डेय ने भगवान धन्वंतरि तथा धन्वंतरि सम्प्रदाय (शल्य चिकित्सकों) के बारे में बताया। उन्होंने आजकल तेजी से फैल रहे ज्वर और उससे सम्बंधित जोड़ों के रोग की आयुर्वेदिक चिकित्सा व्यवस्था बताई।
चिकित्सकों का स्वागत चिकित्सक प्रकोष्ठ के प्रांतीय सह प्रभारी डॉ एम डी दुबे ने किया तथा परिषद के कार्यों एवं गतिविधियों के बारे में भी बताया। विशिष्ट अतिथि प्रांतीय सचिव डॉ सुधांशु शंकर उपाध्याय ने आयुर्वेद शल्य चिकित्सा की विशेषज्ञता के बारे में बताया तथा इसको और बढ़ावा देने की बात कही।
अध्यक्षता विश्व आयुर्वेद परिषद प्रयागराज के अध्यक्ष डॉ जे नाथ ने की। विशिष्ट अतिथि प्रांतीय सचिव डॉ एसएस उपाध्याय एवं डॉ वी एन त्रिपाठी रहे। प्रयागराज के दो शल्य चिकित्सक डॉ वीएन त्रिपाठी एवं डॉ शंकर मिश्रा को “धन्वंतरि सम्मान 2023” से सम्मानित किया गया। प्रतीक्षा प्रजापति को बिहार लोक सेवा आयोग में एमईओ पद पर चयनित होने पर अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। संचालन विश्व आयुर्वेद परिषद, प्रयागराज के सचिव वैद्य नरेंद्र कुमार पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन परिषद के वरिष्ठ सदस्य डॉ बी एस रघुवंशी ने किया।
इस अवसर पर डॉ आशुतोष मालवीय, डॉ बी.डी त्रिपाठी, डॉ संजय बरनवाल, डॉ सतीश चंद्र दुबे, डॉ राजेंद्र श्रीवास्तव, डॉ राजेश मिश्रा, डॉ कमल नयनम दुबे, डॉ अतुल पाण्डेय, डॉ अर्चना पाण्डेय, डॉ रास बिहारी मौर्य, डॉ रंजना त्रिपाठी, डॉ ममता मिश्रा आदि चिकित्सक एवं आयुर्वेद प्रेमी कई नागरिक भी उपस्थित रहे। सभा का समापन परिषद मंत्र सर्वे भवंतु सुखिनः से किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण