तनाव शारीरिक एवं मानसिक प्रक्रिया : डॉ. हिमानी

 


--इस जटिल समाज में तनाव होना आम बात हो गई : डॉ. अरविंद मिश्र

--तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन

प्रयागराज, 12 मार्च (हि.स.)। तनाव शारीरिक एवं मानसिक प्रक्रिया है, जो प्रत्येक व्यक्ति में किसी न किसी प्रकार घर कर लेती है। तनाव के दो भाग हैं जिसमें यूस्ट्रेस एक सकारात्मक प्रकार का तनाव है तथा डिस्ट्रेस को नकारात्मक बताया। उक्त विचार डॉ. हिमानी उपाध्याय ने तनाव प्रबंधन पर चर्चा करते हुए व्यक्त किया।

मंगलवार को ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज, समाज शास्त्र विभाग द्वारा तनाव प्रबंधन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. हिमानी उपाध्याय पी.एचडी काउंसलिंग साइकोलॉजी श्रीसत्य साइ सेवा संगठन प्रयागराज ने तनाव प्रबंधन पर चर्चा करते हुए आगे कहा कि कोई व्यक्ति यदि दो हफ्ते या एक महीने तक किसी परेशानी के साथ रहता है तो एक्यूटस्ट्रेस (नॉर्मल) है परंतु साल भर से ज्यादा किसी परेशानी से प्रेरित रहने पर क्रॉनिक स्ट्रेस होता है जो हानिकारक है। इसके साथ ही डॉ. हिमानी ने बहुत सारी गतिविधियों के अभ्यास के माध्यम से स्ट्रेस को दूर करने का तरीका बताया। उन्होंने स्ट्रेस से बाहर निकलने के कुछ उपाय बताए। जैसे डीपबेली ब्रीदिंग, माइंड फूलनेस, प्रायोरिटी ऑफ वर्क, मूवमेंट एंड सोशल आउटलेट्स।

कार्यशाला संयोजक डॉ. अरविंद कुमार मिश्र ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि इस जटिल समाज में तनाव होना आम बात हो गई है, क्योंकि आज के युवा के सामने समाज में बहुत सी चुनौतियां हैं। उपस्थित छात्रों ने कुछ जिज्ञासा प्रस्तुत की। जिनका समाधान उन्होंने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा साक्षी ओझा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विकास कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार दूबे, डॉ. इंद्रा श्रीवास्तव, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. विवेक कुमार यादव सहित शोधार्थी, स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं एवं स्नातक छात्र उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम