प्रौद्योगिकी क्षेत्र में फोटोनिक्स अपनी भूमिका निभाने को तैयार : डॉ नरेश चंद

 


--ट्रिपल आईटी में ‘फोटोनिक्स में नवीनत प्रगति’ पर कार्यशाला

प्रयागराज, 08 दिसम्बर (हि.स.)। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में फोटोनिक्स अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। फोटोनिक्स सोसाइटी एक जीवंत तकनीकी समुदाय का केंद्र है। उक्त विचार फोटोनिक्स सोसाइटी वॉरेन, न्यू जर्सी, अमेरिका के उपाध्यक्ष डॉ. नरेश चंद ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया।

शुक्रवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (ट्रिपल आईटी) द्वारा “फोटोनिक्स में नवीनतम प्रगति“ (डब्ल्यूआरएपी) पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त डॉ नरेश चंद ने फोटोनिक्स की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि फाइबर ऑप्टिक्स के माध्यम से सर्वव्यापी और सस्ते वैश्विक संचार से लेकर चिकित्सा और अन्य अनुप्रयोगों के लिए लेजर, फ्लैट-स्क्रीन डिस्प्ले, सौर ऊर्जा के लिए फोटोवोल्टिक उपकरण, ऊर्जा-कुशल रोशनी के लिए एलईडी जैसे असंख्य उदाहरण हैं।

मैड्स क्लॉसन इंस्टीट्यूट (एमसीआई), डेनमार्क के प्रो वाई.के मिश्रा ने कहा कि किसी के पास कितना ज्ञान है यह कम मायने रखता है, बल्कि मौजूदा ज्ञान को युवा पीढ़ी कितनी अच्छी तरह से स्थानांतरित करने में सक्षम है यह बहुत मायने रखता है। शिक्षण एक कला है जिसमें ज्ञान, कौशल, संचार को संतुलित तरीके से शामिल किया जाता है। आधुनिक उपकरणों जैसे कुछ कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम, इंटरैक्टिव 3डी डिजाइन आदि का संयोजन एक साथ शिक्षण को अधिक कुशल और प्रभावी बनाता है।

आईआईएससी बैंगलोर के इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डॉ. श्रीनिवास तलाबट्टुला ने कहा कि उनके संस्थान में एप्लाइड फोटोनिक्स लैब में अनुसंधान गतिविधियाँ इंटीग्रेटेड ऑप्टिक्स के क्षेत्रों में फैली हुई हैं। आईआईटी कानपुर के भौतिकी विभाग की प्रोफेसर आर विजया ने कहा कि फोटोनिक्स के क्षेत्र में कोई सीमा नहीं है जीवन का हर क्षेत्र इससे जुड़ा हुआ है।

ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद सुतावने ने कहा कि फोटोनिक्स को एक सर्व व्यापक तकनीक कहा जाता है। क्योंकि यह असीमित प्रकाश को इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर चिप्स में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनों की तुलना में तेजी से यात्रा करने की अनुमति देता है। फोटोनिक्स का उपयोग हमारे जीवन के लगभग हर पहलू में होता है। उदाहरण के लिए, सूचना प्रसंस्करण, दूरसंचार, प्रकाश का पता लगाना, मेट्रोलॉजी, प्रकाश व्यवस्था, स्पेक्ट्रोस्कोपी, फोटोनिक कम्प्यूटिंग, होलोग्राफी, चिकित्सा क्षेत्र (सर्जरी, दृष्टि सुधार, स्वास्थ्य निगरानी और एंडोस्कोपी), फाइटिंग मशीनरी, दृश्य कला, कृषि, लेजर सामग्री प्रसंस्करण, रोबोटिक्स, और बायोफोटोनिक्स है।

आईईईई यूपी के अध्यक्ष डॉ. सतीश के सिंह ने कहा कि आईईईई हमारी सफलताओं को साझा करने और प्रसारित करने के लिए एक बड़ा मंच है। फोटोनिक्स में अनुसंधान आईईईई का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मानवता के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित दुनिया का सबसे बड़ा तकनीकी पेशेवर संघ है। इससे पूर्व डॉ. अखिलेश तिवारी ने फोटोनिक्स पर आयोजित छठे कार्यशाला पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर रजत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त//बृजनंदन