विविधता से परिपूर्ण है दूरस्थ शिक्षा : प्रो सत्यकाम

 


- डिजिटल पाठ्य सामग्री लेने वाले छात्रों को प्रवेश शुल्क में 15 प्रतिशत की छूट

- नामांकित 70 शिक्षार्थियों को लैपटॉप व स्मार्टफोन वितरित

प्रयागराज, 07 अगस्त (हि.स.)। दूरस्थ शिक्षा का महत्व आज बहुत बढ़ गया है। यह शिक्षा विविधता से परिपूर्ण है। यहां किन्नर, जेल बन्दी, ग्रामीण, नौकरी पेशा तथा ग्रामीण महिलाओं के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध है। इसके साथ ही मुक्त विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-25 से डिजिटल पाठ्य सामग्री लेने वाले छात्रों को प्रवेश शुल्क में 15 प्रतिशत की एकमुश्त छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बुधवार को क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ में आयोजित अध्ययन केन्द्रों के समन्वयकों की कार्यशाला नामांकन सम्वाद सम्पर्क एवं सम्प्रेषण में दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने पहली बार समर्थ पोर्टल से प्रवेश शुरू किया है और इस बार हमने प्रथम वर्ष में एक लाख के प्रवेश लक्ष्य को सामने रखा है। जिसके लिए प्रदेश के सभी क्षेत्रीय केंद्रों में नामांकन बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है। दूरस्थ शिक्षा पद्वति में स्व अध्ययन पाठ्य सामग्री सर्वश्रेष्ठ पाठ्य सामग्री है। पाठ्य पुस्तक एवं गाइड की तुलना में स्व अध्ययन सामग्री की श्रेष्ठता सिद्ध है। मुक्त विवि की अध्ययन सामग्री का अध्ययन करके यूपीएससी एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अभ्यर्थी सफलता अर्जित करते रहे हैं। गत वर्ष एम ए समाजशास्त्र की एक छात्रा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता हासिल की।

उन्होंने कहा कि वह पिछड़े क्षेत्र की महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में जागरूक करने के पक्षधर हैं। इसके लिए उन्होंने समन्वयकों का आह्वान किया कि पिछड़े क्षेत्र की महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करें। ग्रामीण क्षेत्रों में शादी के बाद अक्सर महिलाएं पढ़ने से वंचित रह जाती हैं। ऐसी महिलाओं को मुक्त विवि में नामांकित करने के लिए प्रेरित करें। विश्वविद्यालय उनकी हरसंभव मदद करेगा।

प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जे पी यादव ने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप किए जा रहे समर्थ पोर्टल से प्रवेश की जानकारी दी। डॉ जी के द्विवेदी ने सेमेस्टर एवं वार्षिक परीक्षाओं से सम्बंधित जानकारी दी।

मुक्त विवि के पीआरओ डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि लखनऊ क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बाराबंकी, बलरामपुर एवं हरदोई आदि जिलों में स्थित अध्ययन केन्द्रों से आए समन्वयकों ने कई सुझाव प्रस्तुत किए एवं उनकी समस्याओं का निराकरण विश्वविद्यालय से आए प्रतिनिधियों ने किया।

संचालन सुमन वर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अलका वर्मा ने किया। इस अवसर पर कुलपति ने मुक्त विवि के लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र से नामांकित 70 शिक्षार्थियों को उप्र राज्य सरकार की अभिनव योजना के अंतर्गत टैबलेट एवं स्मार्टफोन का वितरण किया। योग विषय के विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्होंने लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र को योग हब के रूप में विकसित करने का ऐलान किया।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / मोहित वर्मा