मौत को मात देकर घर लौटी महिला की 10 दिन बाद थम गई सांसें

 


हमीरपुर, 04 जनवरी (हि.स.)। हमीरपुर जिले की एक महिला मौत को मात देने के बाद आखिर उसकी सांसें थम गई। इस महिला को जालंधर के बड़े हास्पिटल में इलाज के दौरान डाक्टरों ने मृत घोषित किया था। एम्बुलेंस से शव घर लाते समय बीच रास्ते में ये अचानक जिन्दा हो गई और पति से पानी मांगने लगी। महिला के दोबारा जीवित होने पर पति समेत परिजनों की आंखें खुशी से भर आई थी। घर लौटने पर इसके मरकर जीने की खुशी में जश्र मनाया गया था, लेकिन कुछ ही दिन बाद इसने पति और बच्चों के सामने दम तोड़ दिया।

हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र के सदर गांव निवासी अनीता (33) पत्नी मादादीन रैकवार कैंसर बीमारी से पीड़ित थी। उसे बचाने के लिए आर्थिक तंगी से कमजोर होने के बावजूद पति ने हमीरपुर, मध्यप्रदेश और पंजाब तक बड़े हास्पिटलों के चक्कर लगाए। कैंसर बीमारी की पुष्टि होने कबाद मातादीन ने अपनी पत्नी को पिछले माह जालंधर में बड़े हास्पिटल में भर्ती कराया था। डाक्टरों ने उसका इलाज किया लेकिन दो हफ्ते बाद अनीता की मौत हो गई। डाक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया था। अंतिम संस्कार के लिए पत्नी का शव परिजन एम्बुलेंस से गांव ला रहे थे। तभी नोएडा के बाद अचानक महिला की सांसे चलने लगी और कुछ ही देर में वह उठकर अपने पति से पीने के लिये पानी मांगने लगी। अचानक पत्नी के जिन्दा होकर पानी मांगने पर पति और एम्बुलेंस का स्टाफ सकते में आ गए। फिर कुदरत का करिश्मा मानकर पति ने पत्नी को सीने से लगा लिया।

भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए पत्नी को घर लाया गया, जहां उसके दोबारा जीवित होने पर घर में जश्र मनाया गया। मंदिर में भी पूजा की गई। परिजनों के अलावा पड़ोस के लोग भी अनीता के दोबारा जीवित होने पर हैरत में पड़ गए। लेकिन कुछ ही दिन बाद ये खुशी मातम में बदल गई। घर में 10 दिनों तक महिला अपने बच्चों और परिजनों के साथ हंसी खुशी के पल बिताए, लेकिन अचानक उसकी हालत ऐसी बिगड़ी कि उसे अस्पताल जाने का मौका तक नहीं मिला। परिजनों के सामने ही अनीता ने दम तोड़ दिया। उसकी मौत से पति बदहवाश है वही बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल है।

पत्नी को बचाने के लिये पति हो गया कर्जदार

मातादीन ने गुरुवार को बताया कि अनीता को बचाने के इलाज के लिए पांच लाख रुपये खर्च हो गए है। रिश्तेदारों और गांव के कुछ लोगों से लाखों रुपये का कर्ज लेकर बड़े हास्पिटल में इलाज कराया गया, लेकिन मरकर जिन्दा होने के बाद ये दगा दे गई। बताया कि डाक्टरों ने पत्नी को मृत घोषित किया था। तब उसके शव को जालंधर से हमीरपुर लाने के लिए एम्बुलेंस तीस हजार रुपये किराये पर ली थी। मरने के बाद कई घंटे बाद पत्नी के अचानक बीच रास्ते में जीवित होने पर बड़ी खुशी हुई थी। लेकिन ये खुशी कुछ ही दिनों तक रही।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश