भारत के क्वांटम नवाचार को बढ़ावा देने के लिए करते रहेंगे प्रेरित : प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल
कानपुर, 22 मार्च (हि.स.)। क्वांटम क्वेस्ट सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है। यह भारत के लिए क्वांटम-संचालित भविष्य की ओर एक सहयोगी यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। पिछले एक दशक में क्वांटम तकनीक के तेजी से विकसित होने के साथ इसके शोध और सफलताएं वास्तव में सनसनीखेज हैं। जिससे जागरूकता पैदा करना एक जरूरी प्राथमिकता बन गई है। यह बातें शनिवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कही।
आईआईटी कानपुर में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) का मिशन समन्वय प्रकोष्ठ क्वांटम क्वेस्ट 2025 की मेजबानी कर रहा है। जो क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने और शिक्षाविदों, उद्योग और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए समर्पित एक प्रमुख कार्यक्रम है। दो दिवसीय कार्यक्रम क्वांटम अनुसंधान और नवाचार के लिए भारत की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्वांटम क्वेस्ट एनक्यूएम की प्रमुख जागरूकता और ज्ञान-साझाकरण पहल भारत की स्वदेशी क्वांटम क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अग्रणी वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, उद्योग पेशेवरों, स्टार्ट-अप और सरकारी प्रतिनिधियों को एक साथ लाया, जो एनक्यूएम के उद्देश्यों के साथ संरेखित है।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक मौजूद रहे। क्वांटम अनुसंधान में सफलताओं नीतिगत अपडेट और सहयोगी अवसरों को साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करेगा।
प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकियों के लिए जागरूकता पहल की भूमिका पर जोर दिया है। क्वांटम क्वेस्ट एक महत्वपूर्ण पहल है जो जमीनी स्तर पर क्वांटम जागरूकता लाती है। महानगरों टियर दो और टियर तीन शहरों में भारत के युवा रचनात्मकता से भरे हुए उत्पाद, यूनिकॉर्न बनाकर पेटेंट दाखिल कर रहे हैं। यदि भारत एक विकसित राष्ट्र बनना चाहता है तो हर युवा दिमाग को विचारों को उत्पादों में बदलने के लिए प्रोत्साहित और सक्षम किया जाना चाहिए। इस क्षमता का सही मायने में दोहन करने के लिए, इस तरह की जागरूकता पहल नियमित रूप से होनी चाहिए, जिससे हमारे विश्वविद्यालयों में निरंतर जुड़ाव और नवाचार को बढ़ावा मिले।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप