यूपी में एक भी विद्यालय बंद नहीं किया गया : संदीप सिंह
यूपी विधानसभा में बेसिक शिक्षा विभाग का उठा मुद्दा
लखनऊ, 23 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने बेसिक शिक्षा से जुड़े सवाल किए। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा किसी भी बेसिक विद्यालय को बंद नहीं किया गया।
संदीप सिंह ने सदन को अवगत कराया कि जिन स्कूलों में 50 से कम बच्चे थे, वहां के बच्चों को एक किलोमीटर के भीतर के स्कूलों में मर्ज किया गया है। इसलिए कोई भी सदस्य सदन को विद्यालय बन्द होने की गलत जानकारी कृपया नहीं दें। रही बात शिक्षकों के स्थानांतरण की तो उसके लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है। 2017 के पहले इसी प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण में धन उगाही की जाती थी। उसके बावजूद शिक्षकों को मनमाफिक जगह स्थानांतरण नहीं हो पाता था। बेसिक शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के स्वास्थ्य की चर्चा भी की।
मंत्री संदीप सिंह ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए बताया कि बेसिक में शिक्षकों का एक भी स्वीकृत पद समाप्त नहीं किया गया है। छात्र और शिक्षक के अनुपात को बनाये रखने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सदस्य ने शिक्षकों की भर्ती नहीं होने का सवाल उठाया है। सदन को अवगत कराना चाहूंगा कि हमारी सरकार 2018 से 2023 तक 1 लाख 26 हजार 371 शिक्षकों की भर्ती की गयी है।
समाजवादी पार्टी के ब्रजेश कठेरिया और डॉ रागिनी ने सवाल किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की अलग-अलग ड्यूटी लगा दी जाती है। उन्हें पढ़ाने का समय नहीं मिल पाता। शिक्षकों की शिक्षणेत्तर कार्यों में ड्यूटी लगा दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीब विरोधी है। प्राइमरी स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ते हैं, इसलिए स्कूल बंद कर रही है।
सपा के इंजीनियर सचिन यादव ने बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाये कि शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही है। पिछले छह साल में बेसिक स्कूलों में एक भी भर्ती नहीं की गयी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला