वाराणसी उत्तरी और दक्षिणी विधानसभाओं में मनाया गया अटल स्मृति दिवस
वाराणसी, 30 दिसम्बर (हि. स.)। भारतीय जनता पार्टी की ओर से वाराणसी उत्तरी और दक्षिणी विधानसभाओं में अटल जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत अटल स्मृति दिवस मनाया गया। उत्तरी विधानसभा में मुख्य अतिथि गाजीपुर जिला के पूर्व जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और दक्षिणी विधानसभा में मुख्य अतिथि विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी रहे।
उत्तरी विधानसभा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि भानु प्रताप सिंह ने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि उन्हें किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता। ना ही किसी से तुलना की जा सकती है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना उनका सपना था। जनसंघ के चुनाव चिन्ह पर पहली बार सांसद बने, राज्यसभा के सदस्य भी रहे। कवि रहे और समाचार पत्रों के संपादक और लेखक भी थे। कवि का हृदय कोमल होता है मगर देश की अखंडता और एकता पर जब आंच आती है तो अटल जी चट्टान की तरह अटल रहकर निर्णय लेते रहे। परमाणु परीक्षण कर पूरे दुनिया को देश का लोहा मनवाया। पड़ोसी का नैतिक धर्म क्या होता है, यह एक कविता के माध्यम से समझाया।
उत्तरी विधानसभा में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने कहा कि जन्म शताब्दी पर आयोजित इस कार्यक्रम में मैं अटल जी की एक कविता आपसे साझा करना चाहता हूं। अपमानों में सम्मानों में कदम मिलाकर चलना होगा। हम सभी कार्यकर्ता इस मूल मंत्र याद रखेंगे तो कोई भी शक्ति भाजपा को डिगा नहीं सकती। अटल जी अजातशत्रु, कवि, सशक्त भारत के निर्माता और सुशासन की स्थापना करने वाले रहे। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को लागू करके भारत के विकास और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी।
दक्षिणी विधानसभा में विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई का जीवन युवाओं को प्रेरणा देने वाला है। अटल जी ने राजनीति में कभी शत्रु नहीं बनाया, जबकि उनके मित्रों की संख्या बहुत थी। सदन में अपनी बातों को रखते हुए वह अक्सर विरोधी दल के नेताओं की चुटकी ले लिया करते थे। अटल जी एक योग्य राजनीतिज्ञ, कवि और स्पष्ट वक्ता थे।
दोनों ही विधानसभा में हुए कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। उत्तरी के कार्यक्रम में मंत्री रविंद्र जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र