विजन लॉस हो जाने से मनुष्य के दैनिक जीवन में पड़ता है बहुत असर : डॉ बियुला क्रिस्टी

 
























मुरादाबाद, 10 मार्च (हि.स.)। सीएल गुप्ता नेत्र संस्थान की ओर से रविवार को सातवीं लो विजन नेशनल कांफ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें एलवी प्रसाद हैदराबाद से डॉ.बायुला क्रिस्टी एवं डॉ.दीपक बग्गा ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.कुलदीप सिंह के द्वारा किया गया।

सीएल गुप्ता नेत्र संस्थान की वाइस चेयरपर्सन डॉ आशि खुराना ने बताया कि दृष्टि बाधित लोगों के जीवन में आत्मविश्वास एवं जीने का उत्साह भरने के लिए इस तरह की कॉन्फ्रेंस महत्वपूर्ण है। हमारा प्रयास है कि हम नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में ऐसे लोगों को तैयार कर सकें जो लो विजन रिहैबिलिटेशन के माध्यम से दृष्टिबाधित लोगों को एक नई दिशा देने का कार्य कर सके।

कांफ्रेंस में डॉ बियुला क्रिस्टी ने कहा कि विजन लॉस हो जाने से इंसान की रोजमर्रा के जीवन में बहुत ही असर पड़ता है एवं उसकी मानसिक स्थिति भी गड़बड़ा जाती है। लो विजन रिहैबिलिटेशन के सहयोग से दृष्टिबाधित लोगों को अपने जीवन को व्यवस्थित करने के तरीके सिखाए जाते हैं एवं उनके खोए हुए आत्मविश्वास को पुनः जीवित करने का कार्य किया जाता है। भारत में लो विजन रिहैबिलिटेशन सेवाओं की जानकारी का बहुत ही अभाव है, यह कॉन्फ्रेंस इस क्षेत्र में कुछ बेहतर करने के लिए एक सफल प्रयास है।

डॉ कमल पंत ने कहा कि आज के समय में लो विजन एक बेहतरीन प्रोफेशन के रूप में उभर कर आ रहा है। विद्यार्थी एवं अन्य आई केयर के प्रोफेशनल लोग लो विजन को अपने करियर के रूप में चुन रहे हैं। यह हमारा दायित्व बनता है कि हम आधुनिक उपकरणों की एवं वर्तमान परिस्थितियों के द्वारा दृष्टिबाधित लोगों की जांच एवं काउंसलिंग के लिए ऐसे प्रोफेशनल्स को अपडेट करें।

डॉ दीपक बग्गा ने कहा कि लो विजन रिहैबिलिटेशन सेवाएं आई केयर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण पहलू है, इन सेवाओं के माध्यम से दृष्टिबाधित लोगों को विभिन्न योजनाओं और तरीकों के माध्यम से मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। स्किल ट्रेनिंग, माहौल में बदलाव एवं आधुनिक उपकरणों के प्रयोग से इनका जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।

कार्यक्रम में योगेश्वरी ने बताया कि कई प्रकार के सॉफ्टवेयर एवं डिवाइसेज के माध्यम से दृष्टिबाधित लोग न केवल स्वयं का रोजगार कर सकते हैं बल्कि सरकारी नौकरियों में भी जा सकते हैं।

संस्थान के डायरेक्टर डॉ प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि हमारा संस्थान ऐसे दृष्टिबाधित मरीज के डॉक्यूमेंट बनवाने में भी उनका सहयोग करता है। साथ ही ब्रैल के द्वारा पढ़ना, स्मार्ट केंन के द्वारा उनकी मोबिलिटी को सिखाना एवं होम मैनेजमेंट के माध्यम से स्वयं अपने सारे कार्यों का करना सिखाया जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ऑप्टोमेट्रिस्ट आकांक्षा गुप्ता ने किया व कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र सिंह रहे। इस दौरान डिवाइसेज के फंक्शन को करीब से देखने के लिए हेनड ऑन सेशन का आयोजन किया गया। जिसको सुनील कुमार, रितेश चौरसिया, अमृता मिश्रा, सूरज एवं समीर के द्वारा किया गया। लो विजन रिहैबिलिटेशन डिपार्मेंट की ट्रेनर बिन्नी एवं आसमां के द्वारा दृष्टिबाधित लोगों के बने हुए सामान की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। संस्थान में दृष्टिबाधित बच्चों के द्वारा एक नाटक का भी प्रस्तुतीकरण किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित/राजेश